Panchakarma Therapy In Jabalpur : दर्द और पक्षाघात के उपचार में कारगर पंचकर्म थेरेपी
Panchakarma Therapy In Jabalpur : आयुर्वेदिक चिकित्सक डा. भारती बिसेन बोलीं- संतुलित आहार के सेवन और नियमित व्यायाम से समग्र स्वास्थ्य में होता है सुधार
By Dheeraj Bajpaih
Edited By: Dheeraj Bajpaih
Publish Date: Mon, 10 Apr 2023 10:22:23 AM (IST)
Updated Date: Mon, 10 Apr 2023 12:14:04 PM (IST)
Panchakarma Therapy In Jabalpur दर्द और पक्षाघात के उपचार में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति कारगर है। इसके लिए आमतौर पर पंचकर्म समेत अन्य अन्य विधियों को महत्व दिया जाता है। जिसमें पंचकर्म थेरेपी भी शामिल है। पंचकर्म थेरेपी एक वैकल्पिक चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें मालिश (स्नेहन), हर्बल स्टीम थेरेपी (स्वेदन) और एनीमा (वस्ति) सहित पांच अलग-अलग प्रक्रियाएं शामिल हैं। यह थेरेपी शरीर से विषाक्त पदार्थों को खत्म करने में मदद करती है, जो दर्द और पक्षाघात के उपचार में योगदान कर सकते हैं।
दूसरी पद्धति में आयुर्वेदिक स्नेहन (मालिश) शामिल है जिसमें हर्बल तेलों से मालिश की जाती है। इससे परिसंचरण में सुधार और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है। जिससे दर्द कम होता है और गतिशीलता में सुधार हो सकता है। अश्वगंधा, गुग्गुलु और हल्दी जैसी कई आयुर्वेदिक जड़ी बूटियां दर्द और पक्षाघात के इलाज के लिए उपयोग की जाती हैं। इन जड़ी-बूटियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी और एनाल्जेसिक गुण होते हैं, जो दर्द और सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। तीसरी पद्धति योग और ध्यान है। योग और ध्यान का अभ्यास तनाव को कम करने में मदद कर सकता है। जो दर्द और (पैरालिसिस) पक्षाघात के उपचार में योगदान दे सकता है। यह अभ्यास लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार करने में भी मदद करती है। चौथी द्धति में आहार और जीवन शैली में परिवर्तन है। आहार और जीवन शैली में परिवर्तन करना भी दर्द और पक्षाघात के प्रबंधन में सहायक हो सकता है। संतुलित आहार के सेवन और नियमित व्यायाम करने से समग्र स्वास्थ्य में सुधार और दर्द कम करने में मदद मिल सकती है।