जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने शराब ठेकेदार से छह लाख 90 हजार 942 रुपये की रिकवरी पर रोक लगा दी। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने अपने आदेश में साफ किया कि जब तक याचिकाकर्ता के आवेदन का निराकरण नहीं कर दिया जाता, उससे वसूली नहीं की जा सकती।
याचिकाकर्ता सिवनी निवासी अमन जायसवाल की ओर से अधिवक्ता संजय वर्मा, श्रद्धा तिवारी व मीना वर्मा ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि 29 दिसंबर, 2020 को राज्य शासन के आबकारी विभाग की ओर से याचिकाकर्ता को छह लाख 90 हजार 942 रुपये का डिमांड नोटिस भेजा गया। बावजूद इसके कि कोरोना लॉकडाउन के समय शराब ठेके पर अमल अपेक्षाकृत विलंब से शुरू हो पाया था। इस वजह से घाटा हुआ।
यह मामला पूर्व में जब हाई कोर्ट पहुंचा था, तब हाई कोर्ट ने इस निर्देश के साथ निराकरण किया था कि यदि शराब ठेकेदारों को घाटा होता है, तो वे विधिवत आवेदन के जरिये क्लेम कर सकते हैं। याचिकाकर्ता से अपना क्लेम आवेदन प्रस्तुत किया है। वह आवेदन अब तक लंबित है और इस बीच डिमांड नोटिस जारी कर दिया गया, जो कि अनुचित है। राज्य का यह तर्क बेमानी है कि शराब ठेकेदारों से बीच में ठेका छोड़ दिया था, तब राज्य की ओर से अपने स्तर पर उसका संचालन किया गया, जिसमें नुकसान हुआ, उसी की क्षतिपूर्ति के लिए डिमांड नोटिस भेजा गया है।
राधेलाल गुप्ता ने संभाला स्टेट बार प्रवक्ता का पदभार : एमपी स्टेट बार कौंसिल के प्रवक्ता के रूप में वरिष्ठ सदस्य राधेलाल गुप्ता ने पदभार संभाल लिया है। यह नियुक्ति चेयरमैन डॉ.विजय कुमार चौधरी ने पदाधिकारियों की सहमति से की है। स्टेट बार को-चेयरमैन आरके सिंह सैनी की मौजूदगी में शुक्रवार को श्री गुप्ता ने पदभार संभाला। इस दौरान उन्होंने साफ किया कि बार व बेंच के बीच सेतु का कार्य करेंगे। साथ ही मीडिया तक तथ्यपूर्ण जानकारियों की प्रस्तुति भी सुनिश्चित की जाएगी। सचिव प्रशांत दुबे, लालमणि कुशवाहा, हाजी मुईन खान, नीलेश जैन, धर्मराज ठाकुर, रामगोपाल वर्मा सहित अन्य ने श्री गुप्ता का स्वागत किया।