अंजुल मिश्रा जबलपुर, नईदुनिया। विकास की दौड़ में पिछड़ चुके शहर को धीरे-धीरे गति मिल रही है। खासतौर से स्मार्ट सिटी ने तो जैसे पंख लगा दिए। पिछले कुछ सालों में स्मार्ट सिटी से जो काम हुए हैं वे पहचान बनते जा रहे हैं। निर्माणाधीन फ्लाईओवर और डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण का काम भी ऐसा है जो विकास की राह में नई इबारत लिखने का काम करेगा। पिछले पांच साल में शहर के विकास ने जो गति पकड़ी है। अगर वही रफ्तार जारी रही तो आने वाले समय में शहर भी प्रदेश इंदौर, भोपाल जैसे शहर के समकक्ष नजर आने लगेगा।
डुमना एयरपोर्ट का विस्तारीकरण : वर्तमान में किसी भी शहर के विकास के लिए वहां की एयर कनेक्टिविटी सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस मामले में डुमना एयरपोर्ट भी दौड़ शामिल हो गया है। यहां से हर दिन 6 विमान उड़ने लगे हैं। इंदौर, हैदराबाद, मुंबई, दिल्ली और अहमदाबाद जैसे शहर की कनेक्टिविटी शुरू हो चुकी है। जल्द ही यहां से कोलकाता की उड़ान भी शुरू होने जा रही है। फिलहाल डुमना एयरपोर्ट के रनवे सहित भवन और अन्य सुविधाओं के लिए करीब 420 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। जल्द ही यह काम पूरा हो जाएगा।
स्पोर्ट्स कांप्लेक्स : शहर में पंडित रविशंकर शुक्ला और रानीताल स्टेडियम तो हैं लेकिन खिलाड़ियों के लिए दोनों में व्यवस्था नाम मात्र की ही थी। इसे देखते हुए पंडित रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में स्मार्ट सिटी से करीब 40 करोड़ की लागत से स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। इसमें एक हजार लोगों के बैठने के लिए दर्शक दीर्घा होगी। इसके अलावा, खिलाड़ियों के लिए स्टोर रूम, जिमनेजियम, बेडमिंटन कोर्ट, टेबल टेनिस कोर्ट भी होगा।
ओपन थियेटर : शहर में होने वाले बड़े आयोजनों के लिए भटौली में करीब 25 करोड़ की लागत से ओपन थियेटर बनाया गया है। यहां पार्किंग की भी पर्याप्त व्यवस्था है। इस ओपन एयर थियेटर में एक साथ करीब दस हजार लोग बैठकर किसी भी कार्यक्रम का आनंद ले सकते हैं। इसके अलावा ओपन एयर थियेटर से लगा विसर्जन कुंड भी है जहां गणेश और दुर्गा जी सहित अन्य प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।
गुलौआ ताल : ताल-तलैयों के शहर में तालाब दुर्दशा के शिकार होते जा रहे थे। इसे देखते हुए स्मार्ट सिटी ने करीब पांच करोड़ की लागत से गुलौआताल का सुंदरीकरण किया। यहां म्यूजिकल फाउंटेन के अलावा लोगों के घूमने के लिए चारों तरफ पाथवे बनाए गए। अब सुबह-शाम गुलौआ तालाब आकर्षण का केंद्र रहता है। यहां घूमने पहुंचने वालों की संख्या में भी लगातार इजाफा हो रहा है।
फ्लाईओवर की सौगात : शहर में यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है। इस वजह से दोपहिया और चारपहिया वाहन चालकों को परेशानी होने लगी थी। इसे देखते हुए मदनमहल से दमोहनाका तक सात किलोमीटर लंबे फ्लाईओवर को स्वीकृति मिली। करीब 800 करोड़ की लागत से बनने वाले प्रदेश के इस सबसे बड़े फ्लाईओवर के काम ने भी रफ्तार पकड़ ली है। इसका एक अगले दो से तीन साल में फ्लाई ओवर बनकर तैयार हो जाएगा और यातायात के दबाव से राहत मिलेगी।
संस्कृति थियेटर : शहर के कला एवं संस्कृति प्रेमियों के लिए भंवरताल स्थित कल्चरल स्ट्रीट में करीब 10 करोड़ की लागत से संस्कृति थियेटर बनाया गया है। यह जमीन के भीतर बना है जिसमें लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर सकते हैं। इसके ऊपरी हिस्से में ग्रास कोर्ट हैं जहां भविष्य में कैफेटेरिया के निर्माण की योजना है।
डुमना नेचर पार्क : प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर डुमना नेचर पार्क को नगर निगम ने करीब 25 करोड़ की लागत से और भी खूबसूरत बना दिया है। यहां बना 13 किलोमीटर की साइकिल ट्रैक जिसके बीच-बीच में मचान बने हैं युवाओं को आकर्षित करता है। इसके अलावा बटरफ्लाई पार्क, खंदारी जलाशय और बच्चों के लिए ट्वाय ट्रेन आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अब यहां न सिर्फ पर्यटकों के रुकने के लिए व्यवस्था कर दी गई है बल्कि खाने-पीने के लिए कैफेटेरिया भी शुरू हो चुका है।
बाइपास : शहर के यातायात के दबाव को कम करने के लिए रिंग रोड की परिकल्पना को साकार करता हुआ बाइपास बनाया गया। महाराजपुर से तिलवारा और गौर से मानेगांव तक बने बाइपास के कारण शहर के भीतर भारी वाहनों का दबाव लगातार कम होता जा रहा है। इस श्रृंखला में जल्द ही बरेला से रांझी और वहां से पनागर को जोड़ा जाना है जिसके बाद शहर के चारों ओर रिंग रोड का सर्किल तैयार हो जाएगा।
नान मोटराइज्ड ट्रैक : यातायात दबाव के कारण पैदल और साइकिल पर चलने वालों को होने वाली परेशानियों को देखते हुए नगर निगम ने सबसे पहले कटंगा से ग्वारीघाट तक नान मोटराइज्ड ट्रैक बनाया। करीब 5 करोड़ की लागत से बने इस ट्रैक में सिर्फ साइकिल और पैदल चलने वाले ही नजर आते हैं। इसके अलावा ओमती नाले पर पुराने बस स्टैंड से मदनमहल तक नान मोटराइज्ड ट्रैक बनाया जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा फायदा पैदल घूमने वालों को हो रहा है।
भंवरताल उद्यान : शहर में उद्यान तो बहुत हैं लेकिन एक भी ऐसा नहीं था जहां लोग परिवार के साथ घूमने-फिरने का आनंद उठा सकते। इसे देखते हुए नगर निगम ने भंवरताल उद्यान का नए सिरे से सुंदरीकरण किया। करीब 5 करोड़ से भंवरताल को आकर्षक बनाया गया। इसमें चारों ओर घास की हरियाली के साथ टीले बनाए गए। स्केटिंग रिंग और मचान भी बनाए गए हैं। बच्चों के लिए मनोरंजन के लिए झूले लगाए गए हैं। अब इस उद्यान में सुबह-शाम हजारों की संख्या में लोग परिवार के साथ पहुंचने लगे हैं।
स्मार्ट रोड : शहर की सड़कों को चौड़ी और सुंदर बनाने के लिए स्मार्ट सिटी ने कुछ सड़कों को स्मार्ट रोड में शामिल कर काम शुरू कर दिया है। सबसे पहली स्मार्ट रोड होमसाइंस रोड से महाराष्ट्र हाई स्कूल तक बनाई गई है। इस रोड में पाइप लाइन, केबिल, अंडरग्राउंड बिजली कनेक्शन के डक्ट बनाए गए हैं। स्मार्ट रोड के दोनों ओर पांच-पांच फीट का पाथवे भी बनाया गया है। इसके अलावा अब गोलबाजार और उससे जुड़ने वाली 13 सड़कों को भी स्मार्ट रोड में शामिल कर लिया गया है। इन पर काम भी शुरू हो चुका है।
कन्वेंशन सेंटर : अभी तक शहर के बीचों-बीच एक ही मानस भवन ही ऐसा था, जहां कोई बड़ा सांस्कृतिक या सामाजिक कार्यक्रम किया जा सकता था। इसको देखते हुए घंटाघर के पास स्मार्ट सिटी से करीब 60 करोड़ की लागत से कन्वेंशन सेंटर तैयार किया जा रहा है। इसमें 200 लोगों के बैठने की क्षमता वाले दो तथा 800 लोगों की क्षमता वाला एक बड़ा हाल होगा। इसके अलावा अतिथियों के खाने-पीने के लिए अलग से हाल होगा। पार्किंग व्यवस्था भी होगी। सबसे बड़ी बात यह भवन ग्रेहा के नियमों को पूरा करेगा जिसके कारण ग्रीन बिल्डिंग का दर्जा भी मिलेगा।