Jabalpur Smart City News: जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नगर निगम की अनदेखी से बदरंग हो चुकी करीब 100 वर्ष पुरानी शहर की ऐतिहासिक धरोहर राजा गोकुलदास धर्मशाला की पुरानी रंगत फिर लौट आई है। लाल से अब धवल हुई इमारत लग्जरी होटल को भी मात दे रही है। इस ऐतिहासिक धरोहर को सहेजने स्मार्ट सिटी ने करीब चार करोड़ रुपये खर्च किए हैं। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 100 वर्ष पुरानी इमारत की खोई हुई खूबसूरती को वापस उसके मूल स्वरूप में लौटाने पुरातात्विक धरोहरों को सहेजने वाली भोपाल की कंपनी को ठेका दिया गया था। कंपनी के कारीगरों ने पुरातात्विक महत्व की इमारत का जीर्णोद्धार परंपरागत तरीके से किया और पुराने स्वरूप में बिना कोई बदलाव किए इसे खूबसूरत बना दिया। इमारत की जुड़ाई, छपाई के लिए गुड़, गोंद, चूना, मेथी, बेल और तेल जैसी पुरानी पद्धति का उपयोग किया गया। अब ये ऐतिहासिक धरोहर लोगों को आकर्षित कर रही है। स्मार्ट सिटी की योजना पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इसे होटल के रूप में संचालित करने है, ताकि लोग इस धरोहर का दीदार कर सके और स्मार्ट सिटी, नगर निगम की कमाई भी हो सके।
बदहाल हो गई थी धरोहरः सिविल लाइन इंदिरा मार्केट के समीप स्थित सेठ गोकुलदास धर्मशाला भवन करीब 100 वर्ष पुराना बताया जा रहा है। इसका रखरखाव नगर निगम द्वारा किया जाता रहा है, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते उक्त इमारत बदहाल हो गई है। नगर निगम ने धर्मशाला के कुछ को कमरों को कबाड़ खाना बना दिया था। वहीं नक्काशीदार, झरोखे, खिड़की-दरवाजे ईंट, सीमेंट लगाकर बंद कर दिए गए थे। बारिश से पूरी इमारत बदरंग हो गई थी। यहां तक की इमारत की छत भी रिसने लगी है। दीवारों पर पेड़-पौधे उग आए थे, इमारत की सफाई तक नहीं कराई जाती थी। जबकि इमारत परिसर के एक हिस्से में संभागीय कार्यालय संचालित हो रहा है और नीचे के कुछ कमरों को धर्मशाला के रूप में उपयोग किया जाता रहा है।
तीन वर्ष में बदली सूरतः
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत इमारत तीन वर्षों में संवारी गई हैं।
- प्राचीनतम पद्धति से छपाई, जुड़ाई, रंग रोगन किया गया। लाल इमारत अब सफेद नजर आ रही है।
- रंग-बिरंगी लाइटिंग, लैंप, फुव्वारें, घास लगाई गई हैं। पुराने जमाने के फर्नीचर लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
- कबाड़ से जुगाड़ कर वन्य प्राणियों की कलाकृतियां बनाकर भी यहां स्थापित की गई हैं।
- 2019 में शुरू हुआ काम, 2021 मे हुआ तैयार
- 4 करोड़ रुपये में हुआ इमारत का कायाकल्प
फिल्मों की शूटिंग भी हुईः इस एतिहासिक इमारत के संवरने के बाद स्थानीय स्तर पर बनाई जा रही दो फिल्मों की शूटिंग भी की जा चुकी है। इसे पर्यटन विभाग के साथ मिलकर इसे पर्यटन कैफे के रूप में संचालित करने की योजना बनाई जा रही है।
वर्जन-
सेठ गोकुलदास धर्मशाला का उसके पुराने स्वरूप में ही जीर्णोद्धार कराया गया है। इस ऐतिहासिक इमारत की खूबसूरत बनावट को नागरिक देख सके और परिवार के साथ कुछ वक्त बिता सके, इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
रवि राव, प्रशासनिक अधिकारी, स्मार्ट सिटी