जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिये राजधानी भोपाल स्थित शासकीय गांधी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति को विचाराधीन याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया। इसी के साथ राज्य शासन, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.अरुणा कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर ध्रुवेंद्र पांडे व डॉ.स्मृति तिवारी पांडे को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया। याचिका की अगली सुनवाई चार जनवरी को निर्धारित की गई है।
राज्य सरकार के सर्कुलर का उल्लंघन : मंगलवार को जस्टिस विशाल धगट की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता भोपाल के शासकीय गांधी मेडिकल कॉलेज में डिमांस्ट्रेटर डॉ. अर्चना रमोले और डॉ. श्वेता श्रीवास्तव की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि राज्य सरकार का सर्कुलर है कि असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति मेडिकल कॉलेज में ही कार्यरत डिमांस्ट्रेटर से ही की जाएगी। याचिका में कहा गया कि 10 दिसंबर 2020 को रतलाम मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत डॉ. ध्रुवेंद्र पांडे और उनकी पत्नी डॉ. स्मृति तिवारी पांडे को भोपाल मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर नियुक्त कर दिया गया। अधिवक्ता आदित्य संघी ने दलील दी कि गांधी मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति में राज्य सरकार के सर्कुलर का उल्लंघन किया गया है। सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति को याचिका के निर्णय के अधीन रखने का आदेश दिया है। साथ ही राज्य शासन, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, मेडिकल कॉलेज डीन डॉ.अरुणा कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर ध्रुवेंद्र पांडे व डॉ.स्मृति तिवारी पांडे को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया गया है।