जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। जागरण साहित्य समिति के द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर काव्य जागरण गोष्ठी का आयोजन आनलाइन किया गया। इसमें 60 कवियों ने कोरोना के प्रकोप से बचने काव्य के माध्यम से संदेश दिया। कवियों ने देशप्रेम, प्रकृति, पर्यावरण के साथ समसामयिक हालातों पर भी काव्य पाठ किया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रिटायर्ड जज पुरुषोत्तम भट्ट रहे। अध्यक्षता आचार्य डॉ. हरिशंकर दुबे ने की। सारस्वत अतिथि डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, डॉ. आरएल शिवहरे, मनोहर चौबे आकाश, प्रतुल श्रीवास्तव थे। संस्थापक सुभाष जैन शलभ ने जागरण की गतिविधियों के साथ प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। प्रमुख वक्ता राजेश पाठक प्रवीण एवं स्वागताध्यक्ष संतोष नेमा संतोष रहे। वक्ताओं ने कहा कि वर्तमान विषम परिस्थितियों में आनलाइन कार्यक्रमों का महत्व बढ़ गया है। घर पर ही रहकर सृजन चिन्तन से सुरक्षा के साथ मन की ऊर्जा शक्ति बढ़ती है। सदसाहित्य का अध्ययन–मनन करने से आशावादी भावनाएं जागृत होती हैं।
गोष्ठी की शुरूआत में सरस्वती वंदना : वंदना सोनी द्वारा प्रस्तुत की गई । अतिथि स्वागत अर्चना द्विवेदी गुडालू, प्रभा बच्चन, श्रीवास्तव एवं सिद्धेश्वरी सराफ ने किया। गोष्ठी का सफल संचालन डॉ. मुकुल तिवारी एवं आभार सुशील श्रीवास्तव ने व्यक्त किया। गोष्ठी में इंद्र बहादुर श्रीवास्तव, एड.सलपनाथ यादव प्रेम, बसंत शर्मा, मदन श्रीवास्तव, एमपी कोरी, डॉ. सलमा जमाल, कालीदास ताम्रकार, ममता जबलपुरी, निर्मला डोंगरे, अनुराधा अनु, चौ. आशा निर्मल जैन, राजेंद्र रतन, डॉ. आशा श्रीवास्तव, कुंजी लाल चक्रवर्ती निर्झर, सुशील जैन आभा, डॉ. देवदत्त द्विवेदी, डॉ. गीता गीत, डॉ. अर्चना श्रीवास्तव, प्रमोद दाहिया, डॉ. मनोरमा गुप्ता, मीना भट्ट, जीएल जैन सहित प्रदेश और अन्य प्रान्तों के कवियों ने सुमधुर काव्य पाठ किया।