जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पन्ना शाखा के प्रबंधक संजय कुमार सिन्हा की विधवा प्रीति सिन्हा के हक में राहतकारी आदेश पारित किया। इसके तहत दो माह के भीतर अनुकंपा नियुक्ति के स्थान पर राशि भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं। न्यायमूर्ति सुजय पॉल की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए अधिवक्ता नर्मदा प्रसाद चौधरी व अमित चौधरी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जब अनुकंपा नियुक्ति से वंचित किया जा रहा है, तो नियमानुसार राशि प्रदान करनी चाहिए। सिर्फ विशेष परिस्थिति में अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान भले हो लेकिन राशि देना अनिवार्य है।
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य की जल उपभोक्ता समितियों को समय से पूर्व भंग किए जाने के रवैये पर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है। मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता किशन पटैल, अध्यक्ष जल उपभोक्ता समिति सिमरिया, विनोद उपाध्याय, उपाध्यक्ष जल उपभोक्ता संस्था ग्राम मेहगांव, नीरज पटैल अध्यक्ष जल उपभोक्ता संस्था बम्होरी, सुरजीत पटैल अध्यक्ष जल उपभोक्ता संस्था ग्राम पिपरिया खिरिया की ओर से पक्ष रखा गया। अधिवक्ता आंनद कृष्ण त्रिवेदी ने दलील दी कि उक्त सभी समितियां जबलपुर जिले की पनागर तहसील से संबंधित हैं। छह मार्च को एक अधिसूचना के जरिए इन सभी जल उपभोक्ता समितियों को भंग करने का निर्णय ले लिया गया। संशोधन के जरिए निर्धारित कार्यकाल को छह साल से घटाकर पांच साल कर दिया गया है। इसी के नाम पर भंग करने की कार्रवाई की जा रही है। नियमानुसार एक बार निर्वाचित होने पर निर्धारित कार्यकाल पूरा करने देना अनिवार्य है। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद नोटिस जारी कर दिए। इससे पूर्व याचिकाकर्ताओं की ओर से विभिन्न दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया।