जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट बार एसोसिएशन, जबलपुर के अध्यक्ष रमन पटेल के निर्देश पर युवा अधिवक्ताओं का एक प्रतिनिधि मंडल पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचा। इस दौरान एसपी से मुलाकात की गई और जबलपुर के कैंट थाने में पदस्थ एएसआइ कन्हैया चतुर्वेदी की शिकायत की गई। अधिवक्ता रूपेश पटेल व आकाश शर्मा ने अवगत कराया कि एसएसआइ चतुर्वेदी ने अधिवक्ता अतुल पांडे के साथ अत्यंत अशोभनीय व्यवहार किया। इस घटना का वीडियो बनाया गया है। जिसे देखने से साफ होता है कि अधिवक्ता पांडे सम्मानपूर्वक संवाद कर रहे थे, लेकिन एएसआइ चतुर्वेदी वर्दी का रौब झाड़ते हुए बदतमीजी की सीमाएं लांघने पर आमादा थे। अधिवक्ता पांडे अपने पक्षकार सुरेंद्र कुमार तोमरिका के मामले में आवश्यक कार्यवश कैंट थाने गए थे। लेकिन एएसआइ चतुर्वेदी ने अभद्रत शब्दों का इस्तेमाल किया। यही नहीं वकील को शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की धारा लगाकर अपराध दर्ज करने की चेतावनी तक दे डाली। बार-बार अधिवक्ता को आइडी पेश करने कहा जा रहा था। ज्ञापन सौंपने वालों में अधिवक्ता रूपेश पटेल, आकाश शर्मा, सुजीत सिंह ठाकुर, सुधीर पटेल, क्रिस्टोफर एंथोनी, मनोज रजक, सूर्यभान राजपूत, अनिल गोल्हानी, विवेक तिवारी, ऋिषि ओहल, भगवानदास व सौरभ रजक सहित अन्य शामिल रहे।
हाई कोर्ट ने कहा-निगमायुक्त व स्मार्ट सिटी सीइओ 30 दिन में करें आपत्तियों का निराकरण : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने जबलपुर की घमापुर-रांझी सड़क का काम तीन साल में भी पूरा न होने के रवैये को चुनौती देने वाली जनहित याचिका का निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया। इसके तहत नगर निगम, जबलपुर के आयुक्त व स्मार्ट सिटी के सीइओ को 30 दिन के भीतर आपत्तियों का निराकरण करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। साथ ही सड़क का चौड़ीकरण मास्टर प्लान के अनुरूप किए जाने पर बल दिया गया है।
मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपांडे और नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि जबलपुर की घमापुर-रांझी सड़क का काम तीन साल में भी पूरा नहीं हो सका है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बन रही सड़क का चौड़ीकरण भी नहीं किया गया है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत घमापुर-रांझी सड़क का काम वर्ष 2018 में शुरू किया गया था। मास्टर प्लान के अनुसार घमापुर- रांझी सड़क 24 मीटर (79 फीट) चौड़ी होना थी, लेकिन सड़क का िनर्माण मास्टर प्लान के अनुसार नहीं किया जा रहा है। सड़क को 10 से 12 मीटर चौड़ा बनाया जा रहा है। घमापुर चौक में सड़क की चौड़ाई केवल 30 फीट है। याचिका में आरोप लगाया है कि राजनीतिक हस्तक्षेप के कारण सड़क का चौड़ीकरण नहीं किया जा रहा है।