जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शहर में बेसहारा घूम रहे गो वंश को जबलपुर के उमरिया में करीब 20 एकड़ में बनाई जा रही आधुनिक गोशाला और कुंडम में 530 एकड़ में प्रस्तावित गो वन्य विहार में स्थाई ठौर मिलेगा। लेकिन फिलहाल मूक प्राणियों को शहर की सड़कों पर ही विचरण करते रहना होगा। क्योंकि उमरिया में बनाई जा रही गोशाला निर्माण के काम की रफ्तार जहां सुस्त है वहीं कुंडम के गंगईवीर में गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड द्वारा प्रस्तावित गोवंश विहार को विकसित करने के लिए शासन, प्रशासन सहित समाज से फंडिग की दरकार है।
पशुधन संवर्धन बोर्ड का कहना है कि गोवंश विहार के लिए मनरेगा से तो राशि मिलेगी यदि समाज का सहयोग भी मिले तो गो वंश विहार जल्द आकार लेगा। पशु संवर्धन बोर्ड ने सनातनी परपंरा का हवाला देते हुए समाज से गो ग्रास की दर्ज पर गो वंश के आवासों के लिए भी रोजाना 10 रुपये अलग से निकाले जाने और औद्योगिक जगत से भी शिक्षा, स्वास्थ्य की तर्ज पर एक हिस्सा गो वंश के संरक्षण के लिए दिए जाने का आग्रह किया है।
तीन साल बाद भी 20 फीसद बन पाई गोशाला: उमरिया में करीब 20 एकड़ क्षेत्र में चार हजार गो वंश रखने की क्षमता वाली 42 करोड़ रुपये की लागत से आधुनिक गोशाला बनाई जा रही है। लेकिन बीते तीन वर्षों में अभी तक महज 20 फीसद निर्माण ही हो पाया है। फिलहाल पहले चरण में यहां एक बड़ा हॉल, बाड़ा और एक बड़ा सा शेड बनाया गया है। भूसा रखने के लिए भी शेड बनाया गया है। गोशाला निर्माण के बीच यहां 170 गो वंश भी पहुंचा दिए गए हैं। नगर निगम के गोशाला निर्माण प्रभारी भूपेंद्र सिंह का कहना है कि निर्माण कार्य में तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि गोशाला में गो वंश को रखने, खुले में विचरण करने की सुविधा होगा। खाद व बायो गैस प्लांट व अन्य सामग्री निर्माण कराई जाएगी।
गोवंश विहार के लिए जमीन मिली अब राशि की दरकार: इधर कुंडम के गंगईवीर की 530 एकड़ जमीन उपलब्ध होने पर मध्यप्रदेश गोपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड की कार्य परिषद् के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि , कलेक्टर कर्मवीर शर्मा, पशुपालन विभाग के उप संचालक डॉ. सुनीलकांत बाजपेयी सहित अन्य पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। जिसमें गोवंश विहार में केटल शेड का निर्माण, पशु चिकित्सा केंद्र, गोवंश हेतु पेय-जल व्यवस्था, कर्मचारी आवास, कम्पाउंड वाल का निर्माण करने पर सहमति बनी। लेकिन इसे विकसित करने अब फंडिग की आवश्यकता महसूस की जा रही है। पशुपालन बोर्ड के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि का कहना है कि गोवंश संरक्षण सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं होगा। शासन,प्रशासन के साथ समाज के लोगों को आर्थिक रुप से सहयोग करना होगा। उन्होंने इस पर जोर दिया है कि नागरिक रोजाना 10 रुपये गुल्लक में डाले। एक वर्ष में एक व्यक्ति द्वारा 3650 रुपये जोड़ लिए जाएंगे। इसे गो संवर्धन बोर्ड में जमा करवा कर रसीद प्राप्त करें।
उन्होंने बड़े उद्योगपतियों से भी आग्रह किया है कि वे सीआरएस फंड की राशि पश संवर्धन में दें इससे उन्हें इंकम टैक्स में छूट भी मिलेगी। उक्त राशि गोपाअष्टमी के दिन गो वंश के नाम से समर्पित करें। महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि ने इसमें सरकारी कर्मचारियों को भी जोड़ने की पर जोर दिया है। बहरहाल गो वंश संरक्षण के लिए पशुपालन बोर्ड द्वारा फंडिग के लिए बनाई गई इस योजना पर पर सियासत गर्माने की संभावना भी नजर आ रही है।
------------
जबलपुर में गो वंश के हाल
- 6 हजार गोवंश शहर में विचरण कर रहे
- 850 क्षमता की तिलवारा में बनाई गोशाला में 1200 से ज्यादा गोवंश रखे गए है।
- 250 क्षमता की ब्रजमोहन नगर में बनाई गोशाला में 250 से ज्यादा गोवंश रखे गए हैं
- 02 कांजी हाउस थे वह भी बंद पड़े
- 6 हजार गोवंश शहर में विचरण कर रहे
- 2 हादसों में दो गोवंश के कारण दो लोगों की जान जा चुकी