जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक जनहित याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि मैहर के बजरंग महावीर मंदिर के सामने अतिक्रमण की शिकायत पर नियमानुसार कार्रवाई सुनिश्चित करें। जनहित याचिकाकर्ता कलेक्टर को अभ्यावेदन सौंपेगा, जिस विचार सभी पक्षों को सुनकर 90 दिन के भीतर निर्णय लेना होगा। सबसे खास बात यह है कि इस मामले में आदेश पारित करते हुए ग्राम पंचायत धूमा संबंधी उस आदेश को अहमियत दी गई, जिसके तहत मुख्य सचिव सहित अन्य को राज्य की शासकीय भूमियों से अवैध कब्जे व अतिक्रमण हटाने कहा गया था।
टीन शेड लगाकर किया अतिक्रमण : मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान जनहित याचिकाकर्ता मैहर निवासी दिनकर प्रसाद मिश्रा की ओर से अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार शुक्ला ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि सतना जिला अंतर्गत मैहर कटियाखेड़ा के बजरंग महावीर मंदिर के सामने टीन शेड लगाकर अतिक्रमण कर लिया गया है। इस वजह से पुजारी व भक्तों को मंदिर आने-जाने में परेशानी होती है। पूर्व में शिकायत किए जाने पर सीमांकन कराया गया था। इस प्रक्रिया में अतिक्रमण होना पाया गया था। लिहाजा, अतिक्रमण हटाने के दिशा-निर्देश जारी किए गए थे। लेकिन एक साल गुजरने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसीलिए व्यापक जनहित में हाई कोर्ट आना पड़ा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की सेवा समाप्ति पर रोक : मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने भानतलैया आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ता की सेवा समाप्ति पर रोक लगा दी है। जस्टिस नंदिता दुबे की एकलपीठ ने राज्य शासन, कलेक्टर जबलपुर और परियोजना अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब-तलब किया है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रेमलता मेहरा की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि पोषण आहार में अनियमितता के आरोप में 27 जुलाई, 2021 को उसकी सेवा समाप्त कर दी गई थी। सेवा समाप्ति के पूर्व उसे सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया। अधिवक्ता जय शुक्ला और सतीश पांडेय के तर्क सुनने के बाद एकल पीठ ने सेवा समाप्ति के आदेश पर रोक लगा दी।