Jabalpur High Court News: दैनिक वेतन भोगियों के नियमितिकरण पर 60 दिन में निर्णय लें
हाईकोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि दैनिक वेतन भोगियों के नियमितिकरण पर 60 दिन के भीतर निर्णय करें।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Thu, 28 Jan 2021 07:20:00 AM (IST)
Updated Date: Thu, 28 Jan 2021 07:20:59 AM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने एक याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि दैनिक वेतन भोगियों के नियमितिकरण पर 60 दिन के भीतर निर्णय लिया जाए। न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता राजगढ़ जिला अंतर्गत सारंगगढ़ तहसील के कृषि विभाग में कार्यरत दैनिक वेतन भोगी कर्मियों कमल सिंह, दयाराम, रेशम बाई सहित अन्य 20-25 वर्ष से कार्यरत हैं। इन सभी ने मध्य प्रदेश शासन की सात अक्टूबर, 2016 की नीति के प्रकाश में विभाग को अभ्यावेदन सौंपा था। इसके जरिये नियमितिकरण व स्थायी कर्मी बतौर नियमित वेतनमान प्रदान किए जाने पर बल दिया गया था। सह अभ्यावेदन दो साल से लंबित है। निराकरण न किए जाने के कारण हाई कोर्ट आना पड़ा। हाई कोर्ट ने पूरे मामले पर गौर करने के बाद याचिका का इस निर्देश के साथ पटाक्षेप कर दिया कि याचिकाकर्ताओं के दो साल से लंबित अभ्यावेदनों का दो माह के भीतर निराकरण किया जाए।
इंदौर नहीं जबलपुर बेंच में सुने जाने योग्य : इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से विरोध करते हुए कहा गया कि यह मामला राजगढ़ का होने के कारण हाई कोर्ट की इंदौर बेंच में दायर होना चाहिए था। लेकिन ऐसा न करके हाई कोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर में दायर करने की गलती की गई है। इसके जवाब में अधिवक्ता मोहनलाल शर्मा ने साफ किया कि भले ही याचिकाकर्ता राजगढ़ में नौकरी व निवास करते हों किंतु उनका मामला मध्य प्रदेश शासन के कृषि विभाग से संबंधित है, जिसका मुख्यालय भोपाल में है, जो मुख्यपीठ जबलपुर के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसीलिए यहां याचिका दायर की गई। हाई कोर्ट ने इस तर्क से सहमत होकर राहतकारी आदेश पारित कर दिया।