जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बरेला के हिनौतिया भोई में 7 जून की रात हुई गोपाल मार्को 70 वर्ष की अंधी हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। वृद्ध को उसके बेटे कमलेश मार्को 40 वर्ष ने मौत के घाट उतारा था, जिसे गिरफ्तार कर लिया गया है। सोमवार को पुलिस कंट्रोल रूम में आयोजित पत्रकार वार्ता में पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने हत्याकांड से पर्दा हटाते हुए घटनाक्रम की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कमलेश छठवीं बटालियन में आरक्षक था। 27 अगस्त 2004 को बटालियन में भर्ती कमलेश को रायफल चोरी के मामले में 28 नवंबर 2020 को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के बाद वह पिता से पैसों के लिए आए दिन विवाद करता था। उसने पिता गोपाल से 50 हजार रुपये की मांग की थी। परंतु उसकी गंदी आदतों से परेशान गोपाल ने पैसे देने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद कमलेश ने पिता को हमेशा के लिए रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। आरोपित को कोर्ट में पेश किया गया जहां उसे उसे जेल भेज दिया गया।
यह है मामला : बरेला के हिनौतिया भोई गांव में शिव मंदिर के पास चबूतरे में गोपाल मार्को का रक्तरंजित शव आठ जून को सुबह 6.30 बजे पाया गया था। चाकू से कई वार कर उन्हें मौत के घाट उतारा गया था। वारदात की सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक बहुगुणा, डीएसपी अपूर्वा किलेदार, बरेला थाना प्रभारी सुशील चौहान ने मौके पर पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया था। धारा 302 के तहत प्रकरण दर्ज कर आरोपित की तलाश की जा रही थी।
पहले दिन से था संदेह : बताया जाता है कि गोपाल की हत्या की जानकारी मिलने के बाद से ही पुलिस को बेटे कमलेश पर संदेह था। दरअसल, वारदात की सूचना मिलने के बाद काफी विलंब से वह मौके पर पहुंचा था। साथ ही पुलिस की जांच पड़ताल में वह साथ बना रहा। गांव के कई लोगों पर हत्या का संदेह जाहिर कर रहा था। इस बीच ग्रामीणों ने बताया कि पैसों के लिए कुछ समय पूर्व उसने पिता को मारने के लिए कुल्हाड़ी उठा ली थी। पुलिस का संदेह तब पुख्ता हुआ जब वह पिता के खारी विसर्जन में नहीं पहुंचा। त्रयोदशी बीतने के बाद पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और कड़ी पूछताछ में उसने हत्या का जुर्म स्वीकार कर लिया।
तीन माह जेल में रह चुका था : पुलिस अधीक्षक बहुगुणा ने बताया कि आरोपित कमलेश रायफल व कारतूस चोरी प्रकरण में तीन माह जेल में रह चुका था। सरकारी सेवा से बर्खास्त होने के बाद ग्राम हिनौतिया में रहने लगा था। घरवाले उसकी शराबखोरी से परेशान थे। शराब पीकर विवाद करने की वजह से उसकी पत्नी बच्चों को लेकर मायके में जाकर रहने लगी। पत्नी व बच्चों के घर छोड़ने के बाद कमलेश अपने पिता से रुपये की मांग कर आए दिन विवाद करता था।
दिन में शराब पी, रात में हत्या : पुलिस की पूछताछ में पता चला कि कमलेश मार्को ने सात जून को दिन में छककर शराब पी थी। रात में करीब 2.30 बजे पिता गोपाल मार्को शिव मंदिर के चबूतरे पर सो रहे थे। तभी पीछे के रास्ते से वह मंदिर पहुंचा और चाकू से हमला कर पिता को हमेशा के लिए मौत की नींद सुला दिया। हत्या करने के बाद पिता के कुर्ते से करीब 400 रुपये और जनेऊ में बंधी चाबी निकाल लिया। घर पहुंचकर खून से सने हाथ व कपड़ों को साफ किया। पिता के कमरे में जाकर चाबी से पेटी खोली और उसमें रखे 14 हजार रुपये पार कर दिए।
इनकी रही भूमिका : आरोपित की गिरफ्तारी में डीएसपी ग्रामीण अपूर्वा किलेदार, टीआइ सुशील चौहान, निरीक्षक रामेश्वर उईके, उप निरीक्षक मुनेश लाल कोल, सहायक उप निरीक्षक शैलेन्द्र मार्को, प्रधान आरक्षक दिलीप लकड़ा, आरक्षक पुष्पेन्द्र पांडेय, मनोज झारिया एवं क्राइम ब्रांच के सहायक उप निरीक्षक गोपाल विश्वकर्मा, अतुल गर्ग, बलराम पांडे, बालकृष्ण शर्मा, अमित दुबे की भूमिका रही। पुलिस अधीक्षक ने टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की है।