जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने अंतरिम आदेश के जरिये पेट्रोल पंप आवंटन पर यथास्थिति के निर्देश जारी कर दिए। मामले की अगली सुनवाई तक जवाब मांगा गया है। इस बीच भारत पेट्रोलियम सहित अन्य को जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। न्यायमूर्ति संजय द्विवेदी की एकलपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि याचिकाकर्ता ने नियमानुसार सभी शर्तों का पालन किया था। जिसके बाद वह पेट्रोल पंप आवंटन की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन इसी बीच मनमाने तरीके से विज्ञापन में वर्णित स्थान न होने का बहाना बनाकर पेट्रोल पंप आवंटन निरस्त करने का नोटिस थमा दिया गया। साथ ही किसी अन्य को पेट्रोल पंप आवंटित करने की तैयारी कर ली। इसी रवैये के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। दिलचस्प बात तो यह है कि लोक निर्माण विभाग ने प्रमाणित किया है कि याचिकाकर्ता उसी जगह पर पेट्रोल पंप खोलने जा रहा है, जो विज्ञापन की शर्त के अनुकूल है। इसके बावजूद मनमानी अनुचित है।
पत्नी व साली की हत्या की कोशिश पर जमानत नहीं दी गई। अपर सत्र न्यायाधीश पद्मिनी सिंह की अदालत ने पत्नी व साली की हत्या की कोशिश करने के आरोपित जबलपुर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भगवत उइके ने जमानत अर्जी का विरोध किया। उन्होंने दलील दी कि दस अक्टूबर, 2020 को थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। जिसमें कहा गया कि दस वर्ष पूर्व पीड़िता ने आरोपित से कोर्ट मैरिज की थी, जिसके बाद दो बच्चे हुए। एक माह पूर्व आरोपित ने शराब के नशे में जमकर मारपीट कर दी। इस वजह से पीड़िता मायके प्रभात नगर, जबलपुर चली आई। वहां आकर आरोपित ने जमकर उत्पात मचाया और चाकू से हमला बोल दिया। इससे पीड़िता और उसकी बहन को चोटें आईं। हल्ला सुनकर लोग एकत्र हो गए। इस वजह से आरोपित भाग गया। हत्या के प्रयास की धारा 307 सहित अन्य के तहत पुलिस ने अपराध कायम कर लिया। इसी मामले में जमानत चाहता है।