National Science Day 2024 : नई दुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस है। हां, पर क्या आपको इसकी जानकारी है कि इसे क्यों मनाया जाता है। आज ही के दिन भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन ने इस दिन 'रमन इफेक्ट' की खोज की थी। इसके लिए उन्हें 1930 में भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार भी प्रदान किया गया था। हर दिन को किसी न किसी थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष नेशनल साइंस डे के लिए भी थीम तय की गई है। इस बार सतत भविष्य के लिए विज्ञान थीम चुनी गयी है।
जानकार बताते हैं कि इस दिन को मानने की शुरुआत वर्ष 1987 से हुई थी । पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस को 28 फरवरी 1997 को सेलिब्रेट किया गया था। इसके बाद से प्रतिवर्ष इस दिन को 28 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य भारत के महान वैज्ञानिक सीवी रमन को उनके द्वारा दिए गए योगदान को लेकर याद किया जाता है। इसके साथ ही देश के विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों में कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाता है और विज्ञान के महत्व को समझया जाता है।
विज्ञान दिवस पर हमने जबलपुर में विज्ञान इससे जुड़े शोध को जानना चाहा। यहां पर वैसे तो कहने के लिए छह से सात विश्वविद्यालय हैं, लेकिन बात जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि, वेटरनरी विवि और रानीदुर्गावती विवि से लेकर ट्रिपलआइडी ड्रीएम की बात करें तो यहां पर छात्र के साथ-साथ छात्राओं में भी विज्ञान और इससे जुड़े रहस्यों को जानने की ओर रूझान बढ़ा है। यही वजह है कि आज इन विवि ने छात्राओं के लिए भी खास विषयों को रखा है। इतना ही नहीं छात्राओं में जिस रफ्तार से विज्ञान के शोध को अपने करियर से जोड़ा है, वह भी एक अच्छा उदाहरण है विज्ञान में बढ़ती रूचि का। जवाहरलाल नेहरू कृषि विवि की छात्रा अवंति शर्मा बताती हैं कि उन्हें कृषि से जुड़े क्षेत्रों में अनुसंधान करने में खासी रूचि है । यही वजह है कि वे इस क्षेत्र में कृषि के लिए नई दवा और यंत्र बनान चाहते हैं। आने वाले दिनों में वे इस कोर्स को अपने कॅरियर के तौर पर भी लेंगी।
एक ओर जहां परांपरारिक विवि में विज्ञान और इसमें हो रहे शोध से लोगों को जोड़ा जा रहा है। वहीं वेटरनरी क्षेत्र में भी तेजी से छात्राओं की सहभागिता बढ़ी है। आज वेटरनरी विवि के यूजी, पीजी और पीएचडी में लगभग 30 से 40 फीसदी तक छात्राएं हैं। इन छात्राओं में अधिकांश ने विज्ञान और इसमें हो रहे शोधों से जुड़ने के लिए पीजी और पीएचडी में कई ऐसे शोध किए हैं, जो आज राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे हैं। वेटरनरी विवि में महिला विज्ञानिक आकांक्षा सिंह बताती हैं कि उन्होंने जेनेटिक विषयों में ही ज्यादातर शोध किए हैं। इस वजह से उन्हें इसमें अच्छे प्रोजेक्ट भी मिले, जिसमें वे पूरी तनमयता से काम कर रही हैं। वही महिला विज्ञानिक तृप्ती जैन बताती हैं कि उनका विषय बयोटेक्नालाजी है और इससे जुड़े शोध में वे अधिक से अधिक समय देती हैं।
सीवी रमन का पूरा नाम चंद्रशेखर वेंकट रमन था। उनका जन्म तमिलनाडु में 7 नवंबर 1888 में हुआ था। सीवी रमन ने अपनी पउच्च शिक्षा प्रेसिडेंसी कॉलेज से प्राप्त की। 1907 से 1933 के बीच उन्होंने कोलकाता के इंडियन एसोसिएशन फॉर द कल्टीवेशन ऑफ साइंस में काम करते हुए फिजिक्स के क्षेत्र में महत्वपूर्ण खोजें की। 1930 में उन्हें भौतिकी के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया