Jabalpur News : अतुल शुक्ला जबलपुर। तिलवारा स्थित आइटी पार्क में किस प्लाटधारक ने कौन सा कार्य कब शुरू किया है इसका भौतिक परीक्षण करने के लिए भोपाल से अधिकारी आएंगे। देखा जाएगा कि निवेशकों ने जो योजना प्रस्तावित की थी उसके अनुसार कार्य किया जा रहा है या नहीं। इसके साथ ही मौके पर चल रहे कार्यों को भी जांचा जाएगा ताकि आइटी पार्क की प्रगति की समीक्षा की जा सके। अधिकारी प्रदेश भर में संचालित आइटी पार्कों के हाल भी देखने के लिए दल जाएगा। इस दौरान भौतिक परीक्षण के साथ ही पार्क में जिन निवेशकों को जमीन लिए तीन साल या इससे अधिक समय हो चुका है, उसके कामों की जांच होगी। मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन लिमिटेड (एमपीएसईडीसी) के इस निर्णय के बाद निवेशकों को हड़कंप है। एमपीएसईडीसी ने जबलपुर समेत भोपाल, इंदौर और ग्वालियर के आइटी पार्क में भौतिक परीक्षण करने वालों के नाम भी तय कर दिए हैं। इधर विभाग की ओर से निवेशकों को पत्र भेजकर उनके कामों का ब्यौरा मांगा जा रहा है। इससे निवेशकों में विभाग और सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ गई है।
चार पार्कों की दो अधिकारी करेंगे जांच
एमपीएसईडीसी ने एक आदेश जारी कर दो अधिकारियों को चार आइटी पार्क में चल रहे प्रोजेक्ट की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसमें जबलपुर और ग्वालियर आइटी पार्क के निरीक्षण की जिम्मेदारी रुद्रप्रताप सिंह सोलंकी को दी गई है। इंदौर और भोपाल आइटी पार्क की जांच डा. धर्मेद्र कोष्टा करेंगे। इस आदेश के बाद निवेशक नाराज हैं। आइटी पार्क एसोसिएशन के महासचिव राजेश गुप्ता का कहना है कि इस निरीक्षण के जरिए विभाग, प्रोजेक्ट की खामियां निकालकर उनके काम को प्रभावित किया जाएगा। जबकि मध्यप्रदेश की उद्योग नीति में मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया था कि जब तक उद्योग पूरी तरह से विकसित नहीं होंगे, उन्हें हर निरीक्षण से बाहर रखा जाएगा पर ऐसा नहीं हो रहा है।
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116 निवेशक, 11 को नहीं मिली जमीन
आइटी पार्क के फेस एक और दो के लिए 25.5 हेक्टेयर जमीन आवंटित है। इसमें 116 निवेशकों को जमीन दी गई है। इसमें से लगभग 50 ऐसे निवेशक हैं, जिन्हें जमीन लिए तीन साल से अधिक का समय हो गया। हालांकि इसमें से कईयों ने अपने प्रोजेक्ट लगाकर काम भी शुरू कर दिया है। वहीं 11 निवेशक ऐसे हैं, जिन्हें जमीन आवंटित करने के बाद भी विभाग ने जमीन नहीं दी। इन्हें जो जमीन अवांटित की गई, उस पर निजी कालेज तीन साल बाद भी नहीं काम शुरू करने दे रहा है।
जमीन नहीं दी, उनसे भी पूछा रहे काम
मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन ने आइटी पार्क में प्रोजेक्ट लगाने वालों को एक पत्र भेजा है। इसमें अब तक किए कार्यों की लिखित जानकारी मांगी है। विभाग ने यह पत्र उन निवेशकों को भी भेजा है, जिन्हें जमीन आवंटित करने के बाद जमीन नहीं दी। निवेशक मनीष सिन्हा ने बताया कि पार्क के फेस 2 में प्लाट क्रमांक 70 से 80 तक जो जमीन निवेशकों को दी गई, उस पर निजी संस्था के दावे के बाद उन्हें दूसरी जगह जमीन देने कहा गया, लेकिन अब तक नहीं दी। उल्टे विभाग हमने जमीन पर अब तक किए गए काम का ब्यौरा मांग रहा है,जिससे निवेशकों में नाराजगी है।
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यह साधारण प्रक्रिया है, जो हर साल की जाती है। इससे किसी निवेशक को परेशान होने की जरूरत नहीं है। इस निरीक्षण से उन्हें और सहयोग मिलेगा और उनकी समस्याओं को चिति कर उनका समाधान किया जाएगा।
अंशुल गुप्ता, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, एमपीएसईडीसी