Jabalpur News : पेट में दर्द व मरोड़, दस्त होना, भूख न लगना, मल से रक्तस्त्राव, लगातार सिरदर्द, मतली व उल्टी होना, ठंड लगना और बुखार आना, गंभीर रूप से कमजोरी महसूस होना ये सब फूड पाइजनिंग के लक्षण हो सकते हैं। कुछ मामलों में मुंह सूखना, गंभीर रूप से निर्जलीकरण होना, पेशाब में खून आना, दस्त जो तीन दिन से अधिक समय तक बना रहता है, तेज बुखार, पेट में असहनीय दर्द, पेट में एसिड की मात्रा बढ़ना, देखने या बोलने में कठिनाई होना भी फूड पाइजनिंग के लक्षणों में शामिल हैं।
फूड पाइजनिंग पेट से संबंधित संक्रमण है। स्टैफिलोकाेकस नामक बैक्टीरिया, वायरस या अन्य जीवाणुओं के कारण यह संक्रमण हो सकता है। ये बैक्टीरिया या वायरस खाने के साथ पेट में चले जाते हैं जो फूड पाइजनिंग की गंभीर समस्या का कारण बनते हैं। लक्षण सामने आते ही बिना देर किए चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।
दूषित भोजन, दूषित पेयजल या कोई अन्य दूषित पेय पदार्थ फूड पाइजनिंग की मुख्य वजह बनता है। जिसके कारण पीड़ित को लगातार उल्टियां होती हैं। साफ बर्तन में खाना न खाने से भी फूड पाइजनिंग हो सकता है। खराब डेयरी उत्पाद का सेवन भी फूड पाइजनिंग की समस्या खड़ी कर सकता है।
बिना हाथ धोए भोजन करना, बिना धोए फल व सब्जियों का सेवन करना, कच्चा या अधपका मांसाहार भी इस समस्या को बढ़ा सकता है। इसलिए फूड पाइजनिंग के दौरान भरपूर मात्रा में पानी, ओआरएस का सेवन करें जिससे शरीर में पानी की कमी न होने पाए। सादा भोजन व पेयजल का सेवन करें। साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें।