Mp High Court : नई दुनिया प्रतिनिधि, जबलपुर। अपर सत्र न्यायाधीश एसआर सीनम की अदालत ने धोखाधड़ी के आरोपित हाई कोर्ट के भृत्य जबलपुर निवासी वसीम अहमद का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ उसे पांच वर्ष के कारावास की सजा सुना दी गई। साथ ही छह हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक जीत सिंह पटेल ने पक्ष रखा।
जीत सिंह पटेल ने दलील दी कि हाई कोर्ट प्रशासन की शिकायत पर सिविल लाइन पुलिस ने प्रकरण कायम किया था। आरोपित ने हाई कोर्ट में भृत्य के रूप में सेवारत रहते हुए 20 जनवरी, 2016 को फाइल यहां से वहां कर कोर्ट फीस की टिकट निकाल ली थीं। चूंकि कोर्ट फीस टिकट की चोरी अपराध की श्रेणी में आती है, अत: इस तरह की धोखाधड़ी पर सजा दी जानी चाहिए। अदालत ने तर्क से सहमत होकर सजा सुना दी।
प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संजना मालवीय की अदालत ने मकान के विवाद को लेकर गाली गलौच व मारपीट करने की आरोपित जबलपुर निवासी महिला मंजूलता का दोष सिद्ध पाया। इसी के साथ न्यायालय उठने तक की सजा सुना दी। साथ ही पांच सौ रुपये का जुर्माना भी लगाया। अभियोजन की ओर से सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी वर्षा वैद्य ने पक्ष रखा।
अधिकारी वर्षा वैद्य ने दलील दी कि 10 सितंबर, 2014 को सुबह पौने 10 बजे फरियादी आरोपित की दुकान के सामने रोड पर खड़ा था। इसी दौरान मकान के विवाद को लेकर आरोपित ने गाली गलौच शुरू कर दी। कुछ देर में क्रोधित होकर तराजू की तखरिया उठाकर मार दी। इससे फरियादी की नाक व सिर पर चोट लगी। उसे विक्टोरिया अस्पताल ले जाया गया। साथ ही गोहलपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज करा दी गई।