Famous Lord Shiva Temple in Jabalpur : साकेतधाम के शिव मंदिर में मनमोहक शृंगार से आकर्षित होते हैं लोग
मंदिर से दिखता है नर्मदा का सौंदर्य
By Jitendra Richhariya
Edited By: Jitendra Richhariya
Publish Date: Sat, 23 Jul 2022 12:21:31 PM (IST)
Updated Date: Sun, 24 Jul 2022 06:56:04 AM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। नर्मदा के पावन तट ग्वारीघाट में सावन मास में विशेष रूप से रामेश्वरम महादेव का पूजन किया जाता है। सावन के अलावा भी यहां सालभर धार्मिक अनुष्ठान होते हैं लेकिन शिव जी का अभिषेक करने के लिए लोग विशेष तौर पर पहुंचते हैं। मंदिर से नर्मदा का सौंदर्य भी देखने लायक होता है। गर्मी में शाम का सुहाना दृश्य हो या ठंड में कुहरे का नजारा या फिर बारिश की अमृत धारा के बीच शिव आराधना लोगों को सुकून देती है।
साकेतधाम में पहले राम मंदिर बनना तय हुआ था। इसकी तैयारियां भी हो गई और प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया गया। लेकिन इसके पहले ही स्वामी गिरीशानंद सरस्वती के स्वप्नानुसार भगवान शिव का मंदिर बनाकर रामेश्वरम महादेव की स्थापना करना तय हुआ। इसके बाद से यहां निरंतर भोले का अभिषेक के साथ सावन महीने में प्रतिदिन विशेष श्रंगार किया जाता है। यहां 11 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा प्रतिदिन पूजन किया जाता है।
विशेषता :
रामेश्वरम महादेव का शिवलिंग प्राकृतिक रूप से अपने ऊपर त्रिपुंड लगाए हुए हैं। जिलहरी में सर्प आकृतियां बनी हुई हैं। मां नर्मदा की गोद से यह शिवलिंग ओंकारेश्वर से लाया गया है। जिसकी प्राण प्रतिष्ठा 19 वर्ष पूर्व की गई थी। जहां मंदिर है वहां पर पूर्व में सिद्ध संत तपस्या किया करते थे। इसीलिए इस स्थान पर शिवलिंग की स्थापना की गई।
भगवान रामेश्वरम महादेव का पूजन करने शहर से बाहर के भी भक्त विशेष तौर पर आते हैं। पूजन के बाद मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- स्वामी गिरीशानंद सरस्वती, संस्थापक
महादेव के श्रंगार का आकर्षण लोगों को अपनी तरफ खींच लेती है। यहां सावन महीने में प्रतिदिन विशेष अनुष्ठान किया जाता है।
-पंडित सौरभ दुबे, पुजारी