Eye Treatment : आंखों की रोशनी प्रभावित हो तो उपचार में विलंब न करें
Eye Treatment : जबलपुर के नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. हितेश अग्रवाल बोले- उच्च रक्तचाप, मोटापा, शुगर, शराब का सेवन खतरा बढ़ाते हैं।
By Dheeraj Bajpaih
Edited By: Dheeraj Bajpaih
Publish Date: Fri, 14 Jul 2023 07:17:43 AM (IST)
Updated Date: Fri, 14 Jul 2023 07:17:43 AM (IST)
Eye Treatment : आंखों की रोशनी प्रभावित होने पर उपचार में विलंब नहीं करना चाहिए। आमतौर मोतियाबिंद की शुरुआत में आंखों की रोशनी संबंधी परेशानियां सामने आती हैं। मोतियाबिंद बढ़ता है आंखों की रोशनी और प्रभावित होने लगती है। रात में वाहन चलाते समय रोशनी की चकाचौंध का सामना करना पड़ सकता है। उम्र बढ़ने के साथ मोतियाबिंद और प्रभावी होने लगता है।
उच्च रक्तचाप, मोटापा, शुगर, शराब, आंखों की चोट, धूम्रपान खतरा बढ़ाते हैं
ज्यादा उम्र, उच्च रक्तचाप, मोटापा, शुगर की बीमारी, शराब का ज्यादा सेवन, आंखों की चोट, धूम्रपान आदि मोतियाबिंद का खतरा बढ़ाते हैं। यदि आंखों में पहले से काेई आपरेशन हुआ है तो इसका खतरा और बढ़ता है। इसलिए 40 वर्ष की आयु के बाद नियमित रूप से आंखों की जांच कराना चाहिए। धूप में रहने के दौरान अल्ट्रा वायलेट किरणों से आंखों की सुरक्षा करनी चाहिए। शुगर, मोटापा, ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखना चाहिए।
नियमित व्यायाम और संतुलित खानपान पर जोर दें
शराब व धूम्रपान को पूरी तरह छोड़कर नियमित व्यायाम व संतुलित खानपान पर जोर देना चाहिए। मोतियाबिंद की शुरुआत में आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए चश्मा लगाना चाहिए। समय समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहना चाहिए। ताकि समय से मोतियाबिंद का अापरेशन किया जा सके। आपरेशन के बाद कुछ दिनों की सावधानी आवश्यक होती है। चिकित्सीय परामर्श के बगैर किसी तरह के नेत्र दोष में दवाओं का उपयोग नहीं करना चाहिए।