जबलपुर नईदुनिया प्रतिनिधि। प्रदेश का पहला डेयरी साइंस कालेज इमलिया में खोला जाना प्रस्तावित है। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय ने दो वर्ष पूर्व यह कालेज खोलने जगह तय कर दी। साथ ही कालेज में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर पद और बजट की जरूरत का प्रस्ताव भी तैयार कर शासन को भेज दिया। बीते दो वर्ष में इस प्रस्ताव पर सिर्फ कैबिनेट की मोहर लगी, लेकिन आगे के काम की गति धीमी है। विश्वविद्यालय को अब तक बजट नहीं मिला और न ही कालेज के जरूरी पद भरने की अनुमति। इसलिए इस साल शुरू होने वाले वेटरनरी पाठ्यक्रम के नए सत्र में भी यह कालेज शुरू नहीं हो पाएगा। अब विद्यार्थियों को कालेज में प्रवेश लेने के लिए वर्ष-2023 तक का इंतजार करना होगा।
डेयरी साइंस कालेज शुरू करने की नींव पांच साल पूर्व रखी गई, लेकिन वेटरनरी विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डा. पीडी जुयाल इसे शुरू करने किए गए प्रयास में सफल नहीं हुए। यह प्रस्ताव ठंडे बस्ते में चला गया। वर्तमान कुलपति प्रो. एसपी तिवारी से इस कालेज के लिए जमीन से लेकर नियम सीट, प्रक्रिया और पद समेत सभी पर नए सिरे से काम शुरू किया और फिर प्रस्ताव बनाकर भोपाल भेजा। इस दौरान दो कालेज की स्वीकृति मिली, पहला जबलपुर और दूसरा ग्वालियर में। बजट की कमी से ग्वालियर कालेज का प्रस्ताव ठंडा पड़ गया। अब जबलपुर में कालेज खोलने की तैयार हो रही है, लेकिन कैबिनेट की स्वीकृति के बाद इसपर काम नहीं हुआ।
प्रवेश प्रक्रिया पर संशय
स्वीकृति के बाद शासन से विश्वविद्यालय को कालेज शुरू करने के लिए बजट जारी होगा। इसके बाद पद स्वीकृति होगी। हालांकि मौजूदा हालात यह है कि अभी कालेज की सीटों में प्रवेश प्रक्रिया पर संशय बना हुआ है। हालांकि प्रस्ताव राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के आधार पर सीट भरने का है, लेकिन बजट और पद स्वीकृत न होने से अभी इस पर संशय बना हुआ है।
इसलिए शुरू हो रहा कालेज
जबलपुर के इमलिया में डेयरी साइंस कालेज की वजह खास है। इस जमीन से लगभग 200 मीटर दूरी में सांची दुग्ध का संयंत्र लगा है। कालेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को यहां पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें प्रशिक्षण लेने के लिए अन्य शहर या प्रदेश नहीं जाना होगा। डेयरी साइंस कालेज में विद्यार्थियों को तकनीक और प्रबंधन की पढ़ाई कराई जाएगी। इसके लिए परियट और गौर की डेयरी का भी अध्ययन होगा।
इनका कहना-
कैबिनेट ने डेयरी साइंस कालेज की स्वीकृति दे दी है, शेष प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। जैसे ही प्रक्रिया पूरी होगी कालेज शुरू करने संबंधी काम शुरू हो जाएगा। बजट और पद की स्वीकृति मिलने के बाद ही कालेज शुरू किया जा सकेगा।
प्रो. एसपी तिवारी, कुलपति, नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय