Jabalpur City News: स्वच्छता में अव्वल आने आठ लाख खर्च कर निगम ने फिर खरीदे 200 साइकिल रिक्शा, ठेले
नगर निगम ने फिर शहर के वार्डों से कचरा उठाने और उन्हें कचरा डपिंग प्वाइंट तक पहुंचाने के लिए 200 साइकिल रिक्शे व ठेला खरीदे।
By Jitendra Richhariya
Edited By: Jitendra Richhariya
Publish Date: Sun, 12 Mar 2023 01:55:24 PM (IST)
Updated Date: Sun, 12 Mar 2023 01:55:24 PM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 की परीक्षा में शहर को अव्वल लाने नगर निगम ने तैयारियां शुरू कर दी है। हर वर्ष की तरह इस बार भी सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। नगर निगम ने इस बार फिर शहर के वार्डों से कचरा उठाने और उन्हें कचरा डपिंग प्वाइंट तक पहुंचाने के लिए 200 साइकिल रिक्शे व ठेला व अन्य सामग्री खरीदी हैं। इसमें 100 साइकिल रिक्शा व लगभग 100 ठेला है। इसके एवज में करीब आठ लाख रुपये खर्च किए गए हैं। विदित हो कि इसके पहले भी स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में नगर निगम ने करीब करीब एक लाख रुपये कर 25 साइकिल रिक्शा और डस्टबिन व अन्य सामग्री खरीदी थी। जिसमें अधिकांश टूट-फूट कर कबाड़ में तब्दील हो गए। बहरहाल नगर निगम का दावा है कि इससे शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार आएगा और स्वच्छता सर्वेक्षण रैकिंग बढ़ाने में मदद मिलेगी।
41 वार्डों को दिए जाएंगे:
नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि नए साइकिल रिक्शा व ठेले सभी 16 संभागों के अंर्तगत उन वार्डों के सफाई कर्मचारियों को दिए जाएंगे जिन वार्डों में नगर निगम द्वारा सफाई कराई जा रही है। सफाई कर्मचारी इन्हीं रिक्शा-ठेलों के माध्यम के घरों से कचरा एकत्र करेंगे। विदित हो कि नगर निगम ने शहर के 79 में से 38 वार्डों की सफाई का ठेका वर्ष 2021 में पांच समितियों को दिया है। जबकि 41 वार्ड की सफाई नगर निगम नियमित और संविदा सफाई कर्मियों से करवा रहा है।
अगले महीने दिल्ली से आ रही सर्वेक्षण टीम:
स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के तहत सर्वेक्षण करने दिल्ली से केंद्रीय टीम अप्रैल माह में आएगी। इस बार सर्वेक्षण दो चरणों में होगा। पहले स्टार रेटिंग की टीम सर्वेक्षण करेगी और उसके बाद मुख्य सर्वेक्षण होगा। खास बात ये है कि जबलपुर को ओडीएफ प्लस-प्लस यानी खुले में शौच मुक्त शहर का सर्टिफिकेट मिल चुका है इसलिए ओडीएफ सर्वे नहीं होगा। नगर निगम को एवज में 650 अंक मिल चुके हैं। इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण 9500 अंकों के लिए होगा।
स्वच्छता के नाम पर साफ हो रहा खजाना:
- 79 कुल वार्ड हैं इस समय शहर में
- 280 वाहनों से कचरा परिवहन का किया जा रहा दावा
- 02 करोड़ रुपये नगर निगम हर माह सफाई ठेके पर कर रहा खर्च
- 03 करोड़ 50 लाख नियमित सफाई कर्मचारियों के वेतन में होता है खर्च
- 50 लाख रुपये सालाना सफाई उपकरण, सामग्रियों में खर्च किए जा रहे
इन्होंने यह कहा..
स्वच्छ सर्वेक्षण की टीम की अगले माह पहुंचने की संभावना है। शहर की सफाई व्यवस्था में सुधार लाने साइकिल रिक्शा व ठेले खरीदे गए हैं। ताकि आसानी से घरों से कचरा उठ सके।
-भूपेंद्र सिंह, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम