जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। शासकीय माडल स्कूल में इंस्पायर अवार्ड योजना में जिलों से आई टीम को कक्षाओं में ठहरा दिया गया है, जिस वजह से स्कूल की नियमित कक्षाएं मैदान में लगानी पड़ी। इधर, प्राचार्य का दावा है कि दिन में सिर्फ विद्यार्थियों का सामान रखा गया है। कक्षाएं निर्धारित कक्ष में ही लगी है। इस संबंध में मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने विज्ञप्ति जारी कर जिला शिक्षा विभाग की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
यह है मामला-
जिला स्तर पर इंस्पायर अवार्ड का आयोजन माडल स्कूल में किया गया है। जबलपुर, छिंदवाड़ा, कटनी और नरसिंहपुर जिले के कुल 124 विद्यार्थी यहां आए हुए है। विद्यार्थी आए हैं जो रात में स्कूल की कक्षाओं में ठहरेंगे। मंगलवार को स्कूल की कुछ कक्षाएं मैदान में लगीं। बताया जाता है कि कक्ष में बाहर से आए विद्यार्थियों का सामान रखा था। इस दौरान बाहर विद्यार्थी भी कक्ष में होने की वजह से कक्षाओं को बाहर लगाया गया। प्राचार्य डा.मुकेश तिवारी ने कहा कि कक्षाओं में बाहरी विद्यार्थी दिन में सिर्फ सामान रखकर चले गए थे। विद्यालय ढाई बजे तक लगता है, उसके बाद कक्षाएं खाली हो गई थीं। रात में रुकने के लिए विद्यार्थियों को कमरा दिया गया। इस वजह से कक्षाएं नहीं प्रभावित हुई हैं।
सीएम राइज के प्राचार्य बने नोडल अधिकारी-
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के योगेंद्र दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री की सीएम राइज स्कूल की महत्वाकांक्षी योजना में शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्य जैसे चुनाव, जनगणना, संकुल व्यवस्था, परीक्षा केंद्राध्यक्ष, मूल्यांकन से मुक्त रखा गया है। इन्हें सिर्फ शिक्षण कार्य करना होगा। इसके बावजूद सीएम राइज बरेला के प्राचार्य डीके गुप्ता को इंस्पायर अवार्ड का नोडल अधिकारी बनाया गया है। संघ के योगेन्द्र दुबे, अर्वेन्द्र राजपूत, अवधेश तिवारी अटल उपाध्याय, नरेन्द्र दुबे ने संभागायुक्त एवं संयुक्त संचालक शिक्षा से मांग की है कि शासन योजनाओं का मजाक बनाने वाले शिक्षा अधिकारी और सीएम राइज बरेला के प्राचार्य को निलंबित किया जाए।