Jabalpur News : जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। पुलिस ने बताया कि बंगलादेश निवासी रपन विश्वास वर्ष 2009 में टूरिस्ट वीजा और पासपोर्ट पर बंगाल आया था। यहां से वह पन्ना और फिर सिवनी में रहा है। वहां कुछ समय रहने के बाद वह शाहीनाका में किराए के मकान में रहा और फिर बागड़ा दफाई में जमीन लेकर मकान बना लिया और उसमें रहने लगा। वह यहां रहकर मजदूरी करता था। भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन किया, तो पुलिस सत्यापन के दौरान उसका फर्जीवाड़ा सामने आ गया। जांच के बाद पुलिस ने जहां उसके खिलाफ विदेश और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत बुधवार रात प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपित को गुरुवार को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
बंग्लादेशी युवक बिना बीजा, पासपोर्ट के शहर में सालों से रह रहा था। उसने फर्जी दस्तावेज तैयार करवाए और गौरीघाट के पोलीपाथर में रह रहा है। युवक टूरिस्ट वीजा और पासपोर्ट पर भारत आया, लेकिन वापस नहीं गया।
पुलिस की पूछताछ में रपन ने कोलकाता में रिफ्यूजी बनकर आए अपने रिश्तेदार की मदद से अंकसूची फर्जी तैयार करवाई। जिसके आधार पर ही उसने पेन और आधार कार्ड भी बनवा लिया। वह 2012 से जबलपुर में आ गया। रपन ने स्कूल और कालेज की पढ़ाई बंगलादेश से की थी। इसलिए उसने उक्त फर्जी दस्तावेज बनवाए। पिछले दिनों रपन ने भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन किया। पुलिस वेरीफीकेशन के लिए मामला गौरीघाट पुलिस के पास पहुंचा।
पुलिस भौतिक सत्यापन के लिए रपन के घर पहुंची, जहां उसका पिता प्रोवास विश्वास और चचेरा भाई तन्मोय विश्वास मिले। पुलिस ने दस्तावेज जांचे, तो संदेह हुआ। इसके बाद तीनों से पूछताछ शुरू की गई, तो वे बंगाली भाषा में बातचीत कर पुलिस को गुमराह करने लगे। पुलिस टीम ने बंगला और हिंदी भाषा जानने वाले आरक्षक को बुलाया। जिसके बाद पूछताछ शुरू हुई, तो रपन का पूरा फर्जीवाड़ा सामने आया। पता चला कि रपन का पिता प्रोवास और चचेरा भाई तन्मय 13 दिसम्बर 2023 को बंगलादेश से पश्चिम बंगाल के नदिया जिला आए और फिर वहां से जबलपुर पहुंचे। दोनों के पासपोर्ट और बीजा की जांच की गई, तो वे सही निकले।
रपन विश्वास अवैध रूप से देश में रह रहा था। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर उसने पासपोर्ट और वीजा के लिए आवेदन किया था। पुलिस सत्यापन के दौरान उसका फर्जीवाड़ा सामने आया तो उसके खिलाफ प्रकरण दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। इस मामले में पता किया जा रहा है कि फर्जी प्रमाण पत्र कैसे बनवाए।
संजीव त्रिपाठी, थाना प्रभारी, गौरीघाट।