August Revolution Day: आजादी के महत्व, मायने और कीमत पर हुई बात
हिंदी लेखिका संघ जबलपुर द्वारा नौ अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर एक ओज पूर्ण वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
By Ravindra Suhane
Edited By: Ravindra Suhane
Publish Date: Wed, 11 Aug 2021 09:15:00 AM (IST)
Updated Date: Wed, 11 Aug 2021 09:15:22 AM (IST)
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। हिंदी लेखिका संघ जबलपुर द्वारा नौ अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर एक ओज पूर्ण वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विषय था ‘आजादी की कीमत कितनी समझे हम।‘ इस समय पूरा देश स्वाधीनता के अमृत महोत्सव की तैयारियों में जुटा है। अनगिनत कुर्बानियों, रक्त रंजित संघर्ष के बाद हासिल इस आजादी के मायने और कीमत कितनी है हमारे लिए। इस विषय पर हिंदी लेखिका संघ की सदस्यों ने अपने विचार रखे।
सदस्यों ने बताया कि बीते 74 सालों में भारत ने विकास और आधुनिकीकरण के नवीन आयाम गढ़े हैं, पर भ्रष्टाचार, सियासी जंग, धनलोलुपता और अवसर वादिता ने अनेक प्रश्न भी खड़े किए हैं।दुख की बात तो यह है कि अब भी हम अच्छे और संगठित नागरिक नहीं बन पाए। इतने बलिदानों के बाद भी देश के लिए जो जज्बा हमारे भीतर होना चाहिए था वह कम ही दिखता है। हमारी युवा पीढ़ी क्रांतिकारियों की गौरव गाथाओं को नहीं जानती। इन बातों के साथ डॉ. भावना शुक्ला दिल्ली के विशिष्ट आतिथ्य व डॉ. कामना तिवारी श्रीवास्तव के संचालन में संस्था अध्यक्ष अर्चना मलैया ने विषय प्रवर्तन किया।
अध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ नई पीढ़ी को दोष देना उचित नहीं है। हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को क्या जानकारियां देकर जा रहे हैं। ऐसे आयोजनों का होना इन जरूरतकों को कुछ हद तक तो पूरा करता है। इस अवसर पर अर्चना गोस्वामी ने मंगलाचरण की मधुर प्रस्तुति दी। डॉ. राजलक्ष्मी शिवहरे, अनीता श्रीवास्तव तमन्ना, प्रार्थना अर्गल, छाया त्रिवेदी, डॉ. मुकुल तिवारी, सिद्धेश्वरी सराफ, डॉ. आशा श्रीवास्तव, निर्मला तिवारी, डॉ. शोभा सिंह, रत्ना ओझा रत्न, उमा पिल्लै, शशिकला सेन, अलका मधुसूदन पटेल, राजकुमारी रैकवार, डॉ. मनोरमा गुप्ता, डॉ. अनामिका तिवारी ने विषय पर अपने सारगर्भित विचार रखे। प्रार्थना अर्गल ने आभार व्यक्त किया।