नईदुनिया, जबलपुर (Jabalpur News)। 17 साल की आयु में अंतरराष्ट्रीय एयर राइफल शूटर गौतमी भनोत भारत की जूनियर महिला वर्ग की रैंकिंग में नंबर एक शूटर है। पेरू के शहर लीमा में आयोजित आइएसएसएफ विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप में भारत को मिश्रित वर्ग में कांस्य पदक और टीम इवेंट में स्वर्ण पदक दिलाने के बाद इस शूटर ने अपनी करियर का 11वां पदक जीता है। आठ साल के अपने निशानेबाजी करियर में इस एयर राइफल महिला शूटर ने आइएसएसएफ विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप में अनेक कीर्तिमान रचते हुए भारत के लिए अब तक छह स्वर्ण, चार रजत और एक कांस्य पदक जीत चुकी है और देश की बेटी विश्व चैंपियनशिप में पांच बार खेलने का गौरव भी हासिल करने में सफल रही।
अदिति-मनु भनोत की सुपुत्री गौतमी ने अपने निशानेबाजी करियर की शुरुआत 9 साल की उम्र में पूर्व ओलिंपियन गगन नारंग की गन फार ग्लोरी शूटिंग अकादमी से की थी। तब वे एक टैलेंट सर्च प्रोग्राम के तहत अकादमी के लिए चयनित हुई थी। बेहद अनुशासित इस शूटर ने अपनी मेहनत, लगन और नियमित अभ्यास की बदौलत निशानेबाजी में अल्प आयु में ही ऊंचा मुकाम हासिल कर लिया। राष्ट्रीय स्पर्धा में अचूक निशाने से वह 21 पदक अपनी झोली में डाल चुकी हैं। अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में अपने आला दर्जे के प्रदर्शन से भारत का गौरव बढ़ाया। तभी तो लगातार पांचवां आइएसएसएफ विश्व निशानेबाजी चैंपियनशिप खेलते हुए मिश्रित, टीम व व्यक्तिगत वर्ग में अपने श्रेष्ठ प्रदर्शन से एक अलग छाप छोड़ी।
अमेरिका के व्यवसायिक शहर लास एंजिल्स में अगले ओलिंपिक को अभी चार साल का वक्त है, लेकिन गौतमी देश के लिए ओलिंपिक खेलने का सपना लिए अभी से शूटिंग रेंज में जमकर पसीना बहा रही हैं। वे पिछले पांच साल से अंतरराष्ट्रीय कोच निशांत नथवानी के कुशल मार्गदर्शन में जबलपुर की शूटिंग रेंज में अभ्यासरत हैं। वे अपने पसंदीदा इवेंट एयर राइफल जूनियर महिला वर्ग में प्रदर्शन की बदौलत शीर्ष पर कायम हैं। कोच नियमित रूप से रेंज में टाप स्कोरर बनाने चार घंटे गौतमी को अभ्यास कराते हैं। इसके बाद वह दो घंटे फिजिकल सेशन में भाग लेती है।
देश की अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी गौतमी अभी कक्षा 11वीं में अध्ययनरत हैं। खेल और पढ़ाई के बीच पूरा तालमेल बनाने के उद्देश्य से वह रेंज में एक सत्र में शाम के समय ही अभ्यास के लिए पहुंचती है। जबकि सुबह वह स्कूल सेशन खत्म करने के बाद थोड़ी पढ़ाई और शेष रह गए होमवर्क को रात में पूरा करती हैं। स्कूल में वह उत्कृष्ट अंक पाने वाली छात्राओं में शामिल हैं। पिछले साल उसने 10वीं बोर्ड परीक्षा 88 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी।