जबलपुर, नईदुनिया रिपोर्टर। अभिनेत्री सुरेखा सीकरी के निधन से शहर के कलाकार शोकग्रस्त हैं। सुरेखा सीकरी जैसी वरिष्ठ अभिनेत्री के जाने से फिल्म जगत के साथ-साथ रंगमंच की दुनिया में दुख की लहर है।इंटरनेट मीडिया पर शहर की नाट्य संस्थाएं निरंतर अभिनेत्री को याद कर रहे हैं। शहर की हर नाट्य संस्था के फेसबुक पेज पर सुरेखा सीकरी की यादें छाई हुई हैं। शहर की युवा कलाकार अनन्नपूर्णा सोनी ने अपने फेसबुक पेज पर सुरेखा सीकरी की राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की यादों से जोड़कर अपनी भावनाओं को व्यक्त किया है। गौरतलब है कि सुरेखा सीकरी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय से रहीं हैं। वर्तमान में भी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में उनकी तस्वीर लगी हुई है। अन्नपूर्णा ने बताया कि जब वे जबलपुर से राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के लिए चयनित होकर गईं थीं तो उन्होंने वहां अन्य कलाकारों के साथ सुरेखा सीकरी की फोटो लगी देखी थी और सोचा था कि वे भी उन्हीं की तरह अभिनय के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाएंगी।
सभी लोगों की ही तरह शहर के कलाकार सुरेखा सीकरी के बड़े प्रशंसक रहे हैं। वरिष्ठ रंगकर्मी अरुण पांडे ने बताया कि जब वर्ष 1980 में सुरेखा सीकरी दो नाटकों के मंचन के लिए जबलपुर आईं थी तब उनसे मिलने व उनके अभिनय को रू-ब-रू देखने का अवसर मिला था। उनके जैसे कलाकार का जाना अभिनय की दुनिया में बड़ी क्षति है। नाट्य लोक संस्था से दविंदर सिंह ग्रोवर ने भी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से अभिनेत्री को श्रद्धांजलि दी है। रंग समीक्षक पंकज स्वामी ने बताया कि जबलपुर के नाट्य दर्शकों को उनका अभिनय देखने का मौका उस समय मिला था, जब मध्यप्रदेश विद्युत मण्डल की केन्द्रीय क्रीड़ा एवं कला परिषद द्वारा रामपुर स्थित कल्याण भवन में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय(एनएसडी) के रंगमंडल (रेपेर्टरी) ने दो नाटकों- बेगम का तकिया व सैंया भये कोतवाल का मंचन किया था। यह बात फरवरी 1980 की है। उस समय रेपेर्टरी में सुरेखा सीकरी, उत्तरा बाओकर, विजय कश्यप, रघुवीर यादव, केके रैना, राजेश शाह काम करते थे। इन सभी कलाकारों का अभिनय जबलपुर के दर्शकों ने पहली बार देखा था।