Jabalpur Smart City : जबलपुर नईदुनिया प्रतिनिधि। जबलपुर को स्मार्ट बनाने के लिए जबलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी ने पिछले छह वर्षों में करीब 400 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। 83 से ज्यादा कार्य कराए जाने का दावा किया गया। लेकिन शहर में स्मार्ट सिटी से हुए करीब 20-25 बड़े कार्य ऐसे हैं जो नजर आ रहे हैं। बाकी जो काम हुए उसमें भी शहर स्मार्ट नजर नहीं आ रहा है। स्मार्ट सिटी द्वारा पैसों की जमकर बर्बादी की गई है। आगे पाठ, पीछे सपाट की कहावत भी चरितार्थ हो रही है, जो काम हुए वे जस के तस हो गए। स्मार्ट सिटी के प्रशासनिक अधिकारी रवि राव बोले- जबलपुर स्मार्ट सिटी के सभी कार्य पूर्णता की ओर है सभी कार्य 2024 तक हर हाल में पूरा कर लेंगे।
जबलपुर स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा जबलपुर में राइट टाउन, नेपियर टाउन, गोल बाजार और रानीताल क्षेत्र के 750 एकड़ क्षेत्र को एरिया बेस्ड डेवलपमेंट (एबीडी) के तहत विकसित करने के लिए चुना गया था। चुनिंदा क्षेत्रों को स्मार्ट बनाया जा रहा है। यहां स्मार्ट रोड, 24 घंटे बिजली, 24 घंटे पानी सहित आधुनिक इमारतें गढ़ी गईं। इसमें मल्टी स्पोर्टस काम्पलेक्स, कंवेंशन सेंटर, संस्कृति थियेटर, कुछ ऐतिहासिक इमारतों का कायाकल्प, सहित चार स्मार्ट रोड सहित अन्य बड़े काम कराए गए। शहर में स्मार्ट सिटी से हुए यही कार्य नजर आ रहे हैं।
अन्य कार्य ऐसे नहीं जिसे शहरवासियाें को स्मार्ट सिटी जैसी अनुभूति हो सके। स्मार्ट सिटी के कार्यों की धीमी चाल को देखते हुए केंद्र सरकार ने स्मार्ट सिटी का कार्यकाल एक साल के लिए और बढ़ा दिया है। 30 जून 2023 को कार्यकाल स्मार्ट सिटी का समाप्त हो रहा था। कार्यकाल अब 30 जून 2024 तक बढ़ा दिया गया है। इस दौरान सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं को हर हाल में पूरा करना होगा जबकि नए काम स्वीकृत नहीं होंगे।
शहर में 542 करोड़ रुपये की 115 स्मार्ट परियोजनाएं प्रस्तावित की गई थी। बीते छह वर्ष भी अब तक लगभग 83 परियोजनाएं ही पूरी हो पाई है। जिसमें 396 करोड़ रुपये अब तक खर्च हो चुके हैं। 32 परियोजनाएं भी शेष है। जिन्हें अब जून 2024 तक पूरा करने का दावा किया जा रहा है।
ये बड़े काम आ रहे नजर
कन्वेंशन सेंटर, मल्टी स्पोटर्स काम्प्लेक्स, गोलबाजार स्मार्ट रोड, आइटी पार्क रोड निर्माण, रांझी-घमापुर स्मार्ट रोड, मानस भवन के आसपास की रोड, महाराजपुर बाइपास और अमखेरा रोड, नान मोटराइज्ड ट्रैक निर्माण, ओपन एयर थियेटर ग्वारीघाट, कल्चर स्ट्रीट, संग्राम सागर का सौंदर्यीकरण, गुलौआ ताल का सौंदर्यीकरण, सिविक सेंटर पार्क का निर्माण।