नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर (Indore Master Plan Road)। मास्टर प्लान की 23 सड़कों के लिए दूसरी बार जारी टेंडर इंदौर नगर निगम ने दूसरी बार भी निरस्त कर दिया है। इन सड़कों के लिए अब तीसरी बार टेंडर जारी किए जाएंगे। निगम ने इन सड़कों के लिए चार अलग-अलग पैकेज में टेंडर जारी किए थे। पहली बार जारी टेंडर चार निर्माण एजेंसियों के आपस में संगमत होकर टेंडर डालने की आशंका के चलते निरस्त कर दिए गए थे।
इसमें इन कंपनियों ने सड़कों को बनाने के रेट नौ प्रतिशत तक ज्यादा दिए थे। दूसरी बार जारी टेंडर इसलिए निरस्त कर दिए गए क्योंकि इस बार कंपनियों ने सड़क बनाने के रेट छह से सात प्रतिशत तक ज्यादा दिए हैं। नगर निगम को उम्मीद है कि तीसरी बार टेंडर आमंत्रित करने पर आर्थिक लाभ हो सकता है और दर और कम हो सकती है।
केंद्र सरकार ने इंदौर की 23 सड़कों को बनाने के लिए 468 करोड़ रुपये नगर निगम को आवंटित किए हैं। वहीं निगम का दावा है कि सिंहस्थ से पहले इन सड़कों का काम पूरा कर लिया जाएगा ताकि इंदौर होकर उज्जैन जाने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो। इधर सड़कों के टेंडर दूसरी बार निरस्त होने पर कांग्रेस मैदान में उतर आई है। उसने गड़बड़ी की आशंका जताई है।
पहली बार के मुकाबले दूसरी बार के टेंडर में सड़कों की लागत कम हुई थी। हम तीसरी बार टेंडर बुला रहे हैं और इस बार हमें उम्मीद है कि दूसरी बार के मुकाबले भी कम लागत पर टेंडर आएंगे। इससे नगर निगम को आर्थिक लाभ होगा। - राजेंद्र राठौर, जनकार्य समिति प्रभारी नगर निगम इंदौर
टेंडर में न्यूनतम दर में विसंगति सामने आने के बाद टेंडर निरस्त कर तीसरी बार निविदा आमंत्रित करने की मांग की थी। टेंडर में एक कंपनी दो प्रतिशत तो शेष तीन कंपनियां छह-सात प्रतिशत ज्यादा पर काम करने के लिए तैयार थीं। हमने इस साठगांठ की ओर निगमायुक्त का ध्यान दिलवाया था। इसके बाद टेंडर निरस्त किए गए हैं। - चिंटू चौकसे, नेता प्रतिपक्ष, नगर निगम इंदौर
बसों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी के खिलाफ नगर निगम ने कार्रवाई की है। निगम की टीम ने जय नगर क्षेत्र में होटल रेडिसन ब्लू और बांबे अस्पताल और मेट्रो टावर के बीच रुकने वाली यात्री बसों द्वारा गंदगी फैलाने पर बस संचालकों के विरुद्ध पांच-पांच हजार रुपये की चालानी कार्रवाई की।
बस संचालकों को चेतावनी दी गई कि वे यात्रियों को कचरा सड़क पर फेंकने से रोकें और बस के अंदर अनिवार्य रूप से दो डस्टबिन रखें। अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि जल्द ही ऐसे अन्य स्थान जहां यात्री बसें रूकती हैं उन्हें चिह्नित कर जांच की जाएगी। गड़बड़ी पाए जाने पर चालानी कार्रवाई भी की जाएगी।
अपर आयुक्त ने बताया कि देखने में आता है कि यात्री बस के रूकते ही यात्री सड़क पर खाने पीने की चीजें और अन्य अनुपयोगी सामान फेंकने लगते हैं। अगर बस में डस्टबिन उपलब्ध हो तो वे ऐसा नहीं करेंगे। पूर्व में भी बस संचालकों से बस में अनिवार्य रूप से डस्टबिन रखने के लिए कहा गया था। अब चालानी कार्रवाई के साथ-साथ उन्हें समझाइश भी दी जा रही है।