नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: नगर निगम के नवाचार को इंदौर की जनता का अच्छा प्रतिसाद मिला। मंगलवार को विश्व शौचालय दिवस पर निगम ने शहर के 700 शौचालय के साथ एक लाख सेल्फी का लक्ष्य रखा था। शहर की जनता ने 15 घंटे 45 मिनट में इस लक्ष्य को हासिल कर लिया। रात पौने नौ बजे पोर्टल पर एक लाख दो हजार 202 लोगों की सेल्फी अपलोड हो चुकी थी।
नगर निगम ने इस महाअभियान को सफल बनाने की तैयारी सात दिन पहले से शुरू कर दी थी। अभियान को शौचालय सुपरस्पाट नाम दिया था। शौचालयों के बाहर सेल्फी पाइंट भी बनाए गए थे। नगर निगम ने अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए एनजीओ की मदद भी ली।
विश्व शौचालय दिवस पर मंगलवार सुबह 5 बजे से ही लोगों का सेल्फी लेने का सिलसिला शुरू हो गया था। फोटो अपलोड करने में लोगों को कोई दिक्कत न हो इसके लिए एनजीओ के सदस्य भी उपस्थित थे। अभियान की सफलता के लिए एक सप्ताह पहले से निगम ने शहर के नागरिकों के बीच इसका प्रचार शुरू दिया था।
अभियान को लेकर जनता की जागरूकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अभियान शुरू होने के तीन घंटे के भीतर ही 30 हजार से ज्यादा फोटो अपलोड हो चुके थे। नगर निगम की टीम ने पिछले दिनों लगातार दौरे कर यह भी सुनिश्चित किया था कि मंगलवार को सुबह पांच बजे सभी शौचालय खुल जाएं। शौचालयों में निर्धारित मानक के अनुसार सफाई की स्थिति भी रहे और सभी सुविधा घरों में तीन डस्टबिन भी उपलब्ध रहें।
अभियान के तहत शहर के शौचालयों को रंगोली, फूल और गुब्बारों से सजाया भी गया था। इंदौर प्लास्टपैक फोरम द्वारा शौचालयों में हरे और नीले डस्टबिन भी वितरित किए गए। सीटीपीटी केयरटेकर और हेल्पर का सम्मान भी किया शौचालय सुपरस्पाट अभियान के तहत सीटीपीटी केयरटेकर और सहायकों का सम्मान भी किया गया। अभियान को सफल बनाने में भूमिका निभाने वाले निगमकर्मियों को भी सम्मानित किया गया।
अभियान के लिए हम सात दिन से तैयारी कर रहे थे। प्रसन्नता की बात है कि हम लक्ष्य हासिल कर सके। मंगलवार को भी फोटो अपलोड करने में हमें जनता का सहयोग मिला। शहर की जनता के साथ अभियान को सफल बनाने के लिए हम पूरी तैयारी से जुटे हुए थे।
अभिलाष मिश्रा, अपर आयुक्त नगर निगम
शौचालय दिवस पर शहर के शौचालयों से एक लाख सेल्फी अपलोड करने का लाभ शहर को वाटर प्लस और सेवन स्टार सर्टिफिकेट प्राप्त करने में भी मिलेगी। वाटर प्लस सर्टिफिकेट के लिए होने वाले सर्वेक्षण में शौचालयों, सुविधाघरों की सफाई व्यवस्था, पानी की उपलब्धता, जलस्रोत्रों की व्यवस्था इत्यादि को देखा जाता है।
जिस शहरों के पास वाटर प्लस सर्टिफिकेट होता है उन्हें ही सेवन स्टार सर्टिफिकेट मिल सकता है। स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 में इन दोनों सर्टिफिकेट के लिए अतिरिक्त अंक निर्धारित किए गए हैं।
इंदौर जनभागीदारी से ही संभव हुआइतना बड़ा लक्ष्य जनभागीदारी से ही संभव हो सका है। हमारी शहर की जनता से यही अपील है कि स्वच्छता के महाअभियान को यूं ही सतत जारी रखें। निश्चित ही हम आठवीं बार भी नंबर वन बनेंगे।
अश्विनी शुक्ल, स्वास्थ्य समिति प्रभारी नगर निगम