यूं तो यह स्पर्धा केवल स्वाद पर केंद्रित थी लेकिन खास बात यह रही कि अधिकांश प्रतिभागियों ने स्वाद के साथ सेहत को भी तवज्जो दी। तभी तो व्यंजनों में मोटे अनाज, हरी सब्जी को प्रमुखता से शामिल किया। स्पर्धा की दुनिया में सेहतमंद व्यंजनों ने खूब बिखेरा जायके का जलवा। मसालों की महक और परोसदारी का खूबसूरत अंदाज हर व्यंजन की तरफ आकर्षित कर रहा था। किसी के बनाने का तरीका अलहदा था तो किसी की प्लेटिंग आकर्षक थी, किसी में सेहत का खजाना छुपा हुआ था तो कोई अपनी लज्जत से निर्णायकों को दीवाना बना रहा था। सुपर शेफ बनने की स्पर्धा में इंदौरी मास्टर शेफ ने स्वाद-सेहत से सरोकार बनाया।
रविवार को रोटरी इंदौर प्रोफेशनल्स क्लब द्वारा द सुपर शेफ इंदौर का प्रारंभिक राउंड आयोजित किया गया। दो दिनी यह राउंड होटल एसेंशिया में संपन्न हुआ जिसमें करीब 1500 प्रतिभागी शामिल हुए। प्रतिभागियों को व्यंजन घर से बनाकर लाने थे और यहां प्लेटिंग कर निर्णायकों के सामने रखना था। प्लेटिंग के लिए भी वक्त निर्धारित था। निर्णायकों ने व्यंजनों का स्वाद चखने के साथ उन्हें बनाने की विधि समझते हुए इस बात का अंदाजा लगाया कि प्रतिभागी क्या वाकई में उस व्यंजन को बना सकता है या नहीं।
28 को होगा अंतिम फैसला
क्लब के अध्यक्ष रिंकेश शाह ने बताया पांच वर्गों में विभाजित प्रतिभागियों में से हर वर्ग में से 20-20 प्रतिभागी अगले राउंड के लिए चुने जाएंगे। इन प्रतिभागियों को फाइनल राउंड में व्यंजन प्रतियोगिता स्थल पर ही बनाने होंगे। प्रतिभागियों को दो दिन पहले यह सूची दी जाएगी कि आयोजन स्थल पर उन्हें भोजन बनाने के लिए क्या-क्या सामग्री मुहैया कराई जाएगी। उस सामग्री के आधार पर उन्हें अपनी डिश का चयन करना होगा। बच्चों के लिए फायरलेस कुकिंग होगी। हर वर्ग में से तीन-तीन विजेताओं का चयन होगा। यह राउंड 28 अप्रैल को होगा।
सूखे मेवे की ग्रेवी और आम का मजा
शिल्पा कोठारी ने यहां जो सब्जी बनाई वह खासी आकर्षण का केंद्र रही। इन्होंने साबुत हापुस आम की सब्जी बनाई। मसाला भूनकर उसमें हापुस आम को हल्का सा उबालकर डाला और फिर मसाले के साथ धीमी आंच पर पकाया गया। इससे मसाले आम के भीतर तक पहुंच गए और खाते वक्त मसाले में ही आम को काटकर प्लेट में परोसा गया। इसके मसालों में सूखे मेवों के पेस्ट का उपयोग हुआ जिससे जायका और भी बढ़ गया। इसके साथ इन्होंने जो स्टार्टर बनाया था वह भुट्टे की तरह दिख रहा था जो कि मोटे अनाज, कार्न, आलू और अन्य सब्जी से तैयार किया गया था।
विदेशी व्यंजन के साथ देसी जायका
प्रियंका जैन ने इंडियन बोट सिजलर डिश तैयार की थी। प्रियंका बताती हैं कि घर में बच्चों को हमेशा कुछ नया खाने की जिद रहती है और वे पाश्चात्य के भोजन की और आकर्षित होते हैं। इसलिए मैंने विदेशी व्यंजन को देसी अंदाज में तैयार किया। चावल को आधार बनाकर उसमें घर में बनी शेजवान सास, सभी तरह की शिमला मिर्च, आलू, गाजर, बींस और पनीर मिलाते हुए यह व्यंजन तैयार किया। इसके साथ दाल फ्राय और बाजरे की रोटी भी बनाई ताकि बच्चे देसी भोजन से भी जुड़े रहें।
निमाड़ की लज्जत और भी सेहतमंद
सोनल श्रीमाली ने यहां ठेठ निमाड़ी व्यंजन परोसे। इसमें बोर भाजी की दाल, बाजरे की रोटी प्रमुख रूप से शामिल थी। इस दाल की खास बात यह होती है कि इसमें बघार नहीं लगता बल्कि दाल बनने के बाद ऊपर से तेल डालकर खाया जाता है। सबसे अलग तो इन्होंने मोटे अनाज से वड़े बनाए थे। ज्वार, बाजरा और मक्के के आटे से बने वड़े में मूंगफली के दानों की स्टफिंग और कुछ मसाले थे। इन वड़ों को और भी सेहतमंद बनाने के लिए उन्हें तलने के बजाय बाफकर सेका गया था।
कुछ खास डिश और भी
* बिस्किट जो बने थे रवे के आटे से ताकि मैदे से परहेज हो सके।
* मां की दाल जिसमें तुअर और मसूर की दाल के साथ बहुत कम मसाले, दूध और घी शामिल था ताकि दाल और भी सेहतमंद रहे।
* मोरधन से बने कटलेट ताकि नाश्ता भी हेल्दी हो।
* मलाई मशरूम विद स्पेनिश कार्न राइज में मक्के के आटे से आधार बनाया गया और पास्ता मैदे का नहीं बल्कि रवे से तैयार उपयोग किया गया।
* केसर कोकोनट लड्डू में नारियल का बूरा, सूखे मेवों का पाउडर और केसर मिलाई गई। इसमें शकर का उपयोग नहीं किया गया।
* नारियल पान के लड्डू में पान और गुलकंद को मिलाकर क्रश किए हुए नारियल के बीच भरा गया ताकि गर्मी में ठंडक का अहसास खाने वाले को हो।