Yoga Indore: शारीरिक और मानसिक स्तर को प्रभावी बनाता उज्जायी प्राणायाम
Yoga Indore: मानसिक स्तर पर उज्जायी प्राणायाम का बहुत शिथिलीकरण प्रभाव होता है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Tue, 29 Dec 2020 05:06:14 PM (IST)
Updated Date: Tue, 29 Dec 2020 05:06:14 PM (IST)
Yoga Indore इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। उज्जायी प्राणायाम शारीरिक और मानसिक स्तर को प्रभावशाली बनाता है। कोरोना महामारी के इस दौर में उज्जायी इस प्राणायाम के विशेष लाभ है। इस प्राणायाम का अभ्यास मुंह को बंद कर किया जाता है। दोनों नासिकाओं से वायु को कुछ आवाज के साथ धीरे-धीरे इस प्रकार लेना चाहिए कि कंठ से हृदय तक स्पर्श का अनुभव हो। इसी तरह धीरे-धीरे सांस छोड़ें कि हृदय से कंठ तक उसके स्पर्श का अनुभव हो। उज्जायी प्राणायाम के अभ्यास से शरीर के तापमान में वृद्धि होती है। यह प्राणायाम कफ, कब्ज, बुखार और लिवर आदि रोगों के लिए उपयोगी माना गया है। इस प्राणायाम में विशेषतौर पर गले के संकुचन करते समय श्वास नली पर सेक होने से कफ की समस्या दूर होने के साथ-साथ गले के रोग दूर होते हैं।
योग विशेषज्ञ डॉ. सरिता धानुक ने बताया कि मानसिक स्तर पर उज्जायी प्राणायाम का बहुत शिथिलीकरण प्रभाव होता है। योगोपचार में इसका उपयोग तंत्रिकातंत्र को स्वस्थ बनाने तथा मन को शांत करने के लिए किया जाता है। श्वसन की लयबद्धता से जीवन की गुणवत्ता के अतिरिक्त उसकी दीर्घ जीविका भी प्रभावित होती है। लयपूर्ण, गहरा और धीमा श्वसन मन की शांत संतोषपूर्ण अवस्था को प्रेरित करता है। कोरोना के इस दौर में व्यक्ति शारीरिक रूप के साथ-साथ तनाव की स्थिति में भी है। ऐसे समय में प्राणायाम की महत्वपूर्णता और अधिक बढ़ जाती है। उज्जायी प्रणायाम बहुत ही बेहतर प्राणायाम माना गया है। पद्मासन लगाकर यह प्रणायाम करने से परिणाम और भी बेहतर मिलते हैं। इसे सुखासन में भी किया जा सकता है। पर इसे करते वक्त रीढ़ सीधी होना चाहिए।