इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि) Agriculture University Indore। लंबे समय से इंदौर में कृषि विश्वाविद्यालय की मांग चली आ रही है, लेकिन हर बार इसे सरकार ने दरकिनार किया गया। पर कृषि मंत्री कमल पटेल ने एक बार फिर उम्मीद जगाई है कि इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय खोला जाएगा। इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय का दावा बहुत पुराना है, लेकिन कुछ साल पहले जब खोलने की बारी आई तो राजनीतिक वर्चस्व और खींचतान के कारण ग्वालियर बाजी मार ले गया। इसके बावजूद इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय की मांग बरकरार है।
हाल ही में मध्यप्रदेश के सभी कृषि महाविद्यालयों के वर्तमान एवं भूतपूर्व छात्रों की संस्था एग्रीअंकुरण वेलफेयर एसोसिएशन (आवा) के प्रतिनिधियों ने भोपाल में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के साथ कृषि मंत्री से मुलाक़ात की। इस दौरान इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय की मांग प्रमुखता से रखी। कृषि मंत्री ने स्वीकार किया कि मालवा-निमाड़ के किसानों, कृषि छात्रों और कृषि के लिए यह बेहद जरूरी है कि इंदौर में कृषि विश्वविद्यालय बने। इंदौर कृषि महाविद्यालय को कृषि विश्वविद्यालय बनाने के लिए हम दोनों मंत्री जो भी प्रयास करने होंगे जरूर करेंगे।
इंदौर में बनने वाले विश्विद्यालय को अटल बिहारी वाजपेयी कृषि विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। इस प्रस्तावित कृषि विश्वविद्यालय का कार्यक्षेत्र संपूर्ण मालवा एवं निमाड़ क्षेत्र रहेगा। नया कृषि विश्वविद्यालय आने से इस क्षेत्र में कृषि के नए अनुसंधान का रास्ता खुलेगा। साथ ही बहुत सारे रिसर्च स्कालर निकलेंगे। प्रतिनिधिमंडल में आवा के संरक्षक डा. रवीन्द्र राठी, विष्णु देतलिया, राष्ट्रीय अध्यक्ष राधे जाट, राष्ट्रीय महासचिव जगदीश कुर्मी, संयुक्त सचिव नीरज राठौर, चीफ कोआर्डिनेटर गोपी आंजना, कोषाध्यक्ष मुकेश जाट, दिनेश पटेल, राजेश सोनी, नरेंद्र पाटीदार, बादल वर्मा, राजेंद्र पटेल, राहुल प्रजापति, विकाससिंह राठौर आदि शामिल थे।