Taste Of Indore: गर्मी के तीखे तेवर में ठंडी रबड़ी का जायका, यहां है वैरायटी की लंबी लिस्ट
यूं तो पारंपरिक रबड़ी लच्छेदार ही है पर इंदौर में रबड़ी को लेकर कई नवचार अलग-अलग हलवाइयों ने किए।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Sat, 13 Apr 2024 01:59:36 PM (IST)
Updated Date: Sat, 13 Apr 2024 03:14:27 PM (IST)
ठंडी रबड़ी का जायका Taste Of Indore: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नवरात्र के व्रत और गर्मी के तीखे तेवर के साथ बाजार की भागदौड़ में अगर कुछ ऐसा स्वादिष्ट खाने को मिल जाए जो भूख के साथ थकान भी दूर कर दे और शीतलता भी पहुंचा दे तो उससे बेहतर बात भला क्या हो सकती है। इंदौरी तो हर अवसर को खास बनाने का तरीका खानपान की गलियों से गुजरकर ही तलाशते हैं। जायके की खोज इस बार पुराने इंदौर की तंग गली में पूरी हुई जहां व्यापारियों और खरीदारों की भीड़ के बीच अपनी जगह बनाए वर्षों से रबड़ी बैठी हुई है।
खास बात यह है कि रबड़ी का यहां एक ही रूप नजर नहीं आता बल्कि तरह-तरह के अंदाज, रंगत और स्वाद मिल जाता है।
मल्हारगंज की इस गली में यूं तो फलाहारी खिचड़ी की चटपटी महक व्रत करने वालों को आकर्षित करती है लेकिन गर्मी के मौसम में यहां खिचड़ी खाने वालों से ज्यादा रबड़ी के शौकीन पहुंचते हैं। इसकी वजह है रबड़ी का वैरायटी की लंबी लिस्ट और हरेक का अपना स्वाद।
रबड़ी में भी नवाचार
यूं तो पारंपरिक रबड़ी लच्छेदार ही है पर इंदौर में रबड़ी को लेकर कई नवचार अलग-अलग हलवाइयों ने किए। ऐसे ही प्रयोग अग्रवाल खिचड़ी सेंटर के शैलेष अग्रवाल ने किए और दर्जनभर तरह की
रबड़ी तैयार कर डाली। करीब 30 दशक से लच्छेदार रबड़ी बनाने वाले शैलेष को जब लगा कि इंदौरी कुछ नए की मांग करते हैं तो लच्छेदार रबड़ी के साथ पान, सीताफल, आम, स्ट्राबेरी, पाइनापल, फ्रूट क्रीम, नारियल, गुलाब, कीवी, चाकलेट, पाइनापल ड्रायफ्रूट आदि तरह की रबड़ी भी बना दी। यह सभी रबड़ी नवरात्र की शुरुआत से परोसना शुरू करते हैं जिसका सिलसिला श्रावण शुरू होने तक जारी रहता है।
कुल मिलाकर जब तक गर्मी के तेवर बरकरार रहते हैं तब तक ठंडी रबड़ी का जलवा रहता है। मौसम के अनुरूप ही यूं तो सभी तरह की रबड़ी बनाई जाती है पर आम, गुलाब, पाइनापल, सीताफल और नारियल रबड़ी का विशेष रूझान रहता है। गुलाब रबड़ी में लाल देसी गुलाब की पत्ती को मलाई के साथ सिलबट्टे पर हल्का सा पीसा जाता है और फिर गुलकंद के साथ रबड़ी में मिलाया जाता है। बात अगर नारियल रबड़ी की करें तो नारियल क्रश भी इसमें शामिल होता है और पानी वाले नारियल की मलाई के टुकड़े भी मिलाए जाते हैं।
ऐसे बनती है रबड़ी
रबड़ी बनाने में इस बात का ध्यान रखा जाता है कि दूध को धीमी आंच पर इतना उबाला जाए कि वह एक लीटर से घटकर महज दो सौ ग्राम ही बच जाए। इसके बाद उसे ठंडा किया जाता है और फिर उसमें ताजा फलों का पल्प आदि मिलाया जाता है।
रबड़ी को ठंडा करने के लिए उसे फ्रीज में नहीं रखते बल्कि बर्फ घुले पानी में रखे बर्तन में रखा जाता है जिससे वह न तो बहुत ज्यादा ठंडी हो और ना ही उसका स्वाद बिगड़े।