Indore News: छात्राओं ने जाना कार्बन उत्सर्जन व सौर उर्जा
फिजिक्स का उपयोग ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण कर भारत की पारंपरिक संस्कृति और जीवन शैली को जीवित रखने के तरीके सीखना जरूरी है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Fri, 01 Apr 2022 10:34:52 AM (IST)
Updated Date: Fri, 01 Apr 2022 10:34:52 AM (IST)
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सनावादिया स्थित जिम्मी मगिलिगन सेंटर फार सस्टेनेबल डेवलपमेंट पर ओल्ड जीडीसी की एनएससी फिजिक्स की छात्राएं अपने शिक्षकों के साथ विज्ञान शैक्षणिक यात्रा पर आईं। सेंटर की संस्थापिका डा. जनक पलटा मगिलिगन ने उनका स्वागत करते हुए कहा कि फिजिक्स का उपयोग ऊर्जा और पर्यावरण संरक्षण कर भारत की पारंपरिक संस्कृति और जीवन शैली को जीवित रखने के तरीके सीखना और समझना जरूरी है। फिर उन्होंने सभी को सोलर के साथ पवन ऊर्जा हाइब्रिड सिस्टम से बिजली, सोलर टनल ड्रायर, सोलर थर्मल ऊर्जा से 14 प्रकार के सोलर कुकर दिखाए और सभी के डिजाइन और उनके लाभ और उपयोग के बारे में बताया।
यह सब जानना छात्राओं के लिए बेहद रूचि कर और दिलचस्प था क्योंकि इसमें से अधिकांश छात्राओं ने यह तमाम प्रक्रियाएं पहली बार देखी थी। कुछ तो चकित रह गई जब उन्होंने इसके जरिए खोलता हुआ पानी, प्रेशर कूकर में बनती दाल की सीटी बजती सुनी। सोलर कुकर पर मिट्टी की हांडी में खाना बनता देखा और सूर्य से ऑटोमैटिक चलती डिश बिना बैटरी के सामने पेपर रखते ही एक ज्वाला निकलते देखी ,रोटी बनते देखी। कार्बन पदचिह्न कम करने और स्वच्छ और हरा भारत बनाने के विभिन्न टेक्नोलॉजी देख बहुत उत्साहित हुए जैविक खेती की पूरी रसायनमुक्त प्रक्रिया और विकास की आवश्यकताओं को समझा।
पर्यावरण और प्रकृति, पृथ्वी ऊर्जा बचाएं। प्राकृतिक संसाधनों का व्यापक उपयोग देख विश्वास नहीं हो रहा था। पौधों की प्रजातियों के प्रभाव के बारे में पता चला अक्षय ऊर्जा की भविष्य की संभावनाओं और संकायों के साथ एक इंटरैक्टिव सत्र से कार्यक्रम समाप्त हुआ। इस सरपंच अवसर पर खांसी संख्या में छात्राएं और अध्यापिका उपस्थित थी छात्राओं को जैविक खेती और फूड प्रोसेसिंग सिस्टम के बारे में भी बताया गया। तमाम जानकारियां उन्हें जनक पलटा ने दी।