Sickle Cell Anemia Day: जनजातीय क्षेत्र में तेजी से फैल रहा सिकल सेल एनीमिया
Sickle Cell Anemia Day: सिकल सेल रोग क्रोनिक सिंगल जीन डिसआर्डर है।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 19 Jun 2023 02:05:13 PM (IST)
Updated Date: Mon, 19 Jun 2023 02:05:13 PM (IST)
Sickle Cell Anemia Day: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। सिकल सेल एनीमिया के मरीजों की संख्या जांच के बाद बढ़ती जा रही है। इसके बाद भी लोगों में जागरूकता की कमी नजर आ रही है। जनजातीय इलाकों में स्थिति ठीक नहीं है, क्योंकि न तो समय पर जांच तो और न ही समय पर इलाज लिया जाता है। मध्यप्रदेश के 22 जनजातीय जिलों में सिकल सेल डिसीज इंटीग्रेटेड सेंटर फार हीमोफीलिया एंड हीमोग्लोबिन पैथी के लिए 9,93,114 लोगों की जांच की गई थी। इनमें से 18,866 में सिकल ट्रेट और 1506 सिकल डिजीज्ड का पता चला है।
जनजातीय क्षेत्र में बड़ी संख्या में इसके मरीज का होना चिंता का विषय है। हालांकि सरकार ने सिकल सेल रोग की जांच और प्रबंधन में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए मध्य प्रदेश में राज्य हीमोग्लोबिन पैथी मिशन की स्थापना की गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी 15 नवंबर 2021 को मप्र के झाबुआ और आलीराजपुर जिले में स्क्रीनिंग के लिए पायलट परियोजना शुरू की थी।
डा. एके त्रिवेदी ने बताया कि सिकल सेल रोग क्रोनिक सिंगल जीन डिसआर्डर है, जो क्रोनिक एनीमिया, तीव्र दर्दनाक एपिसोड, अंग रोधगलन और क्रोनिक आर्गन क्षति और जीवन प्रत्याशा में महत्वपूर्ण कमी के कारण दुर्बल प्रणालीगत सिंड्रोम का कारण बनता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत भारत सरकार राज्यों को उनके वार्षिक पीआइपी प्रस्तावों के अनुसार सिकल सेल रोग की रोकथाम और प्रबंधन के लिए सहायता करती है।
एनएचएम के तहत राज्य के प्रस्ताव के अनुसार कैप्सूल हाइड्रोक्सीयूरिया, सभी सिकल सेल रोगियों (पुरुषों और महिलाओं) के लिए मुफ्त रक्त आधान के लिए सहायता दी जाती है। इस रोग को लेकर इस साल (2023-24) के बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि सरकार साल 2047 तक सिकल सेल एनीमिया को ख़त्म करने के लिए एक मिशन के तहत काम करेगी।
सिकल सेल से प्रमुख लक्षण
- थकान और कमजोरी
- शरीर दर्द
- हाथ-पैरों में सूजन
- बार-बार बैक्टीरियल इंफेक्शन होना
बचने के उपाय
- अधिक मात्रा में पानी पीए
- संतुलित आहार लें
- उल्टी-दस्त होने पर विशेषज्ञ से संपर्क करें
- हर तीन माह में हिमोग्लोबिन की जांच करवाएं