Tourist Places Near Indore: इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। अगर आप प्राकृतिक नजारों का आनंद लेना चाहते हैं, रोमांचक खेलों में दिलचस्पी रखते हैं और अध्यात्म की भी तलाश में हैं तो नर्मदा नदी के किनारे इन सबके लिए माकूल स्थान हैं। मध्यप्रदेश के साथ गुजरात को भी अपनी असीमित जलराशि से संतृप्त करने वाली सदा नीरा नर्मदा नदी अपने पौराणिक महत्व के कारण तो खास है ही साथ ही इतिहास ने भी इसके आश्रय में कई बार करवट ली। अमरकांटक से निकली नर्मदा नदी विभिन्न पड़ावों को पार करती हुई जब महेश्वर पहुंचती है तो उसका स्वरूप और भी निखरा हुआ नजर आता है। यहां नदी की अथाह गहराई वाला विशाल पाट नर्मदा की भव्यता का तो उदाहरण है ही साथ ही समीप स्थित सहस्त्रधारा और भी सुकुनदायक है। सहस्त्रधारा एक ऐसा स्थान जहां प्रकृति के अनुपम रूप का आनंद लिया जा सकता है और अध्यात्म की अनुभूति को भी महसूस किया जा सकता है।
इंदौर से महेश्वर जाकर सहस्त्रधारा तक पहुंचा जा सकता है। महेश्वर किले के घाट से नाव के जरिए सहस्त्रधारा तक जाना पड़ता है। इस भव्य और एतिहासिक घाट से सहस्त्रधारा की दूरी करीब 4-5 किमी है। यह एक ऐसा स्थान है जहां नर्मदा नदी चट्टानों का सीना चीरती हुई कई धाराओं में विभाजित होकर यहां बहती नजर आती है। यह धाराएं इतनी ज्यादा हैं कि उसे गिनपाना भी असंभव सा लगता है और इसलिए ही इसे सहस्त्रधारा नाम दिया गया है। चौड़े पाट पर कहीं तो असीमित गहराई है और कहीं उथली जलराशि तल के पत्थरों की चिकनाहट को भी दर्शा देती है।
यह एक ऐसा स्थान है जहां वर्षभर जाया जा सकता है। बरसात के दिनों में नदी का प्रचंड रूप यहां देखते ही बनता है तो गर्मी में यही स्थान शीतलता का अहसास कराता है। ठंड के मौसम में नदी का स्वच्छ जल और प्राकृतिक नजारे पर्यटकों को आकर्षित कर लेते हैं। इस मौसम में जहां नदी से टकराकर आने वाली सर्द हवा शरीर में कंपकंपी चला देती है वहीं यहां पड़ने वाली सीधी धूप हल्की गर्माहट का भी अहसास कराती है और नदी की धाराओं को चांदी सी धवल भी बना देती है।
रोमांचक खेल का मजा
महेश्वर में सलालम केनो कोर्स भी होता है और सहस्त्रधारा की गोद में कैनोइंग का आनंद भी यहां लिया जा सकता है। चट्टानों से लड़ती नदी की धारा में नाव में सवार होकर खुद उसे खेते हुए रोमांचकारी वक्त बिताया जा सकता है। रोजमर्रा की जीवनशैली से ऊब चुके लोग जिन्हें रोमांच पसंद है उनके लिए यह माकूल स्थान है।
राइड्स आफ राइडर्स समूह के संस्थापक ज्ञानदीप श्रीवास्तव के अनुसार महेश्वर से सहस्त्रधारा तक जाने के लिए नाव ही एकमात्र जरिया है। नदी पार करते वक्त नाव में सतर्क रहें और मस्ती नहीं करें। यूं तो सहस्त्रधारा बेहतर जगह है लेकिन यहां भी पानी में जाने से गुरेज करें क्योंकि कई स्थान ऐसे हैं जहां गहराई अधिक है और पत्थर फिसलनभरे हैं। सुर्यास्त के बाद इस स्थान पर नहीं रूकें और पर्यटक अपने साथ यहां खानपान की सामग्री लेकर जाएं। वैसे तो वहां अब नाश्ता मिलने लगा है बावजूद अपने साथ खाद्य सामग्री लेजाना ही बेहतर होगा। चूंकि यह प्राकृतिक स्थल है इसलिए वहां स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। सहस्त्रधारा की छोटी और उछले स्थान पर नहाने का आनंद लिया जा सकता है।