इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Master Plan Indore। शहर के मास्टर प्लान की समीक्षा को लेकर बुलाई गई बैठक में जनप्रतिनिधियों ने समय सीमा को लेकर कई सवाल उठाए। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि नया मास्टर प्लान 2035 के हिसाब से बनना चाहिए, ताकि वास्तविक जनसंख्या के हिसाब से प्लान बने। जनप्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि शहर को महानगर का दर्जा मिलने के बाद देवास, महू, देपालपुर, सांवेर जैसे शहर की सीमा के आस-पास के इलाकों को भी प्लानिंग एरिया में शामिल किया जाए। अभी उन क्षेत्रों का बेतरतीब विकास हो रहा है।
बैठक में इंदौर संभाग के 16 नगरों के तैयार हो रहे मास्टर प्लान की जानकारी नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह को दी गई। इंदौर के मास्टर प्लान की बारी आई तो मंत्री सिंह ने कहा कि जनप्रतिधियों के सुझाव हो तो वे भी मास्टर प्लान में शामिल करें। इसके बाद विधायक तुलसी सिलावट ने कहा कि जिन 29 गांवों को शहर में शामिल किया है, उनमें से 18 गांव उनकी विधानसभा क्षेत्र में शामिल है। आइडीए की स्कीमों में शामिल गांवों में भी विकास नहीं हो पाया है। पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता ने कहा कि विमानतल के विस्तार के लिए अब पीछे की जमीन मिल रही है, लेकिन आगे के हिस्से में जो बस्तियां है, उन्हें न तो वैध किया जा रहा है और न ही संपत्तियों की रजिस्ट्रियां हो रही है। इस बारे में भी ध्यान देने की जरुरत है।
बैठक में सांसद लालवानी ने कहा कि शहर में मेट्रो रेल परियोजना भी आ रही है। उसका ध्यान भी मास्टर प्लान में रखा जाए। भविष्य में शहर को नए एयरपोर्ट, स्टेडियम, रेलवे स्टेशन भी जरुरी है। नए मास्टर प्लान में इन जरुरतों का ध्यान भी रखा जाना चाहिए। बैठक में महेश्वर, ओंकारेश्वर, हनुमंतिया, धार, मांडू, पीथमपुर सहित अन्य नगरों के मास्टर प्लान की जानकारी भी दी गई।