Enegry News: नए साल में बिजली कंपनी में शुरू होगी एनबीएल लैब, साल के एक करोड़ की होगी बचत
Enegry News: उर्जा सचिव त्रिपाठी ने ली बैठक। लाइन लॉस घटने और राजस्व संग्रहण पर इसके असर पर विस्तार से चर्चा की गई।
By sameer.deshpande@naidunia.com
Edited By: sameer.deshpande@naidunia.com
Publish Date: Fri, 18 Dec 2020 04:50:34 PM (IST)
Updated Date: Fri, 18 Dec 2020 04:50:34 PM (IST)
Enegry News इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। नए साल की शुरुआत के साथ ही पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी में एनएबीएल प्रमाणित लैब भी शुरू हो जाएगी। प्रदेश के उर्जा सचिव और पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के चेयरमैन आकाश त्रिपाठी ने जनवरी 2021 में बिजली कंपनी को हर स्थिति में लैब शुरू करने का लक्ष्य दिया है। इंदौर पहुंचे उर्जा सचिव ने बिजली कंपनी के एमडी अमित तोमर से लैब के साथ स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट भी मांगी। इंदौर मॉडल पर भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में भी स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है।
गुरुवार को उर्जा सचिव ने पश्चिम क्षेत्र वितरण कंपनी के पोलोग्राउंड स्थित मुख्यालय पर भविष्य की योजनाओं को लेकर चर्चा की। उर्जा सचिव ने कहा कि इंदौर के अलावा अब कंपनी के अधीन आने वाले पांच शहरों में स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट शुरू करना है। उर्जा सचिव ने इंदौर के स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट की रिपोर्ट भी मांगी। इसमें 15 अगस्त 2018 से लागू किए गए स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के बाद से अब तक बिलिंग की दक्षता में आए सुधार। लाइन लॉस घटने और राजस्व संग्रहण पर इसके असर पर विस्तार से चर्चा की गई। स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट की यह रिपोर्ट पर प्रदेश की अन्य दोनों वितरण कंपनियों को भेजी जाएगी। इसी के आधार पर जबलपुर, भोपाल और ग्वालियर में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू होगा। त्रिपाठी ने बिजली कंपनी द्वारा बनाई जा रही एनएबीएल की लैब का काम जल्द पूरा कर जनवरी में लैब शुरू करने के निर्देश दिए।
बिजली कंपनी सवा छह करोड़ रुपये की लागत से टेस्टिंग लैब तैयार कर रही है। इस लैब में बिजली के तमाम उपकरण जैसे ट्रांसफॉर्मर, केबल आदि से लेकर बिजली वितरण में लगने वाले हर प्रकार के उपकरणों की टेस्टिंग की जा सकेगी। कंपनी के लिए लैब अहम मानी जा रही है। फिलहाल प्रदेश में ऐसी कोई भी लैब नहीं है। बिजली कंपनी को खरीदे जाने वाले तमाम उपकरणों को परीक्षण के लिए अब तक चेन्नई की लैब में भेजना पड़ता है। हर साल टेस्टिंग और परिवहन पर कंपनी करीब एक करोड़ रुपये खर्च कर देती है। लैब शुरू होने के बाद न केवल यह पैसा बचेगा बल्कि प्रदेश की अन्य कंपनियां व बिजली उपकरण निर्माता भी अपने उपकरणों की टेस्टिंग कंपनी के लैब में करवा सकेंगे। इससे कंपनी को आय भी हो सकेगी। उर्जडा सचिव ने इंदौर के सर्कलों में बिजली प्रदाय में सुधार के लिए योजना तैयार करने के निर्देश भी दिए।