Navratra 2023: इंदौर में चारभुजाधारी मां काली के होते हैं दर्शन, मिलता शत्रु पर विजयी का आशीर्वाद
Navratra 2023: मंदिर का निर्माण करीब 51 वर्ष पहले 1972 में किया गया था।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Mon, 16 Oct 2023 10:12:17 AM (IST)
Updated Date: Mon, 16 Oct 2023 12:24:42 PM (IST)
श्रमिक क्षेत्र में स्वदेशी मिल के पास स्थित मां कालका माता मंदिर भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है। HighLights
- शारदीय नवरात्र में हर दिन माता का नवीन शृंगार होता है।
- मंदिर निर्माण में यहां के स्वदेशी, कल्याण, राजकुमार, मालवा, हुकमचंद मिल में कार्यरत मजदूरों ने सहयोग किया था।
- माता मंदिर में अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष शृंगार पूजन किया जाता है।
Navratra 2023: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। श्रमिक क्षेत्र में स्वदेशी मिल के पास स्थित मां कालका माता मंदिर भक्तों के बीच आस्था का केंद्र है। यहां चारभुजाधारी मां काली के दर्शन होते हैं। भक्तों का मानना है कि उनके दर्शन से जीवन में आए विघ्न-संकट दूर हो कर शत्रु पर विजयी का आशीर्वाद मिलता है। 5 फीट ऊंची माता की सौम्य स्वरूप की मूर्ति के एक हाथ में खड्ग, दूसरे में त्रिशूल, तीसरे में खप्पर और चौथे में मुंड है। शारदीय नवरात्र में हर दिन माता का नवीन शृंगार होता है। इस दौरान दर्शन-पूजन के लिए भक्तों की कतार लगती है।
इतिहास
मंदिर का निर्माण करीब 51 वर्ष पहले 1972 में किया गया था।
मंदिर निर्माण में यहां के स्वदेशी, कल्याण, राजकुमार, मालवा,
हुकमचंद मिल में कार्यरत मजदूरों ने सहयोग किया था। मिलों में कार्यरत श्रमिक कार्यस्थल पर जाने से पहले और बाद में माता के दर्शन के लिए आते थे। मिलें बंद होने के बाद भी लोग यहां बड़ी संख्या में दर्शन के लिए हर दिन आते हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी दो किमी है।
अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष पूजन
माता मंदिर में अमावस्या और पूर्णिमा पर विशेष शृंगार पूजन किया जाता है। यहां भक्त मनोकामना पूर्ति के लिए नींबू की माला माता को पहनाते हैं। माला मंगलवार, शनिवार, पूर्णिमा और अमावस्या के दिन पहनाई जाती है। परिसर में भगवान भोलेनाथ, राधाकृष्ण और कालभैरव के मंदिर भी हैं। चैत्र और शारदीय नवरात्र की सप्तमी पर महाआरती होती है। महाप्रसादी का वितरण भी किया जाता है।
मां काली का अवतरण दुष्टों के नाश के लिए हुआ था। उन्हें मां जगदंबा का महामाया स्वरूप भी कहा गया है। शास्त्रों में उल्लेख है कि मां भगवती ने धर्म की रक्षा के लिए जो विकराल स्वरूप धारण किया, उसे मां काली कहते हैं।
- राजेश पांडे पुजारी
मां काली आराधना से भक्त को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। आत्मविश्वास भी बढ़ता है। जीवन में निर्भयता आती है। इससे जीवन का वास्तविक आनंद मनुष्य ले पाता है अन्यथा मानव बेवजह जाने-अनजाने कारणों से भयभीत रहता है।
- आशीष सावंत, भक्त