MP High Court: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। अभिनेता मनोज बाजपेयी को ट्विटर पर चरसी-गंजेड़ी बताने वाले फिल्म समीक्षक कमाल खान (केआरके) की परेशानियां बढ़ गई हैं। मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने उनके खिलाफ दर्ज प्रकरण समाप्त करने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने माना कि किसी व्यक्ति को चरसी-गंजेड़ी कहना उसकी छवि धूमिल करने के लिए पर्याप्त है।
फिल्म समीक्षक कमाल राशिद खान (केआरके) के दो अलग-अलग ट्विटर हैंडल से 26 जुलाई 2021 को ट्वीट किए गए थे। इनमें फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी को चरसी गंजेड़ी बताया गया था। जिला न्यायालय में बाजपेयी की ओर से दायर परिवाद के आधार पर केआरके के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ।
केआरके की याचिका खारिज की - इस मुकदमे को निरस्त करने के लिए केआरके ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें कहा था कि जिस ट्विटर हैंडल से ट्वीट हुए हैं, उसे वे 22 अक्टूबर 2020 को ही बेच चुके हैं। न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार सिंह ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद केआरके की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा है कि यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि ट्वीट प्रतिष्ठा धूमिल करने के इरादे से किए गए थे या नहीं।
दुष्कर्म पीड़िता की शिकायत- बयान बदलने के लिए आरोपित दे रहा आतंकी हमले की धमकी
इंदौर। आजाद नगर थाना क्षेत्र में बलात्कार पीड़िता युवती को आरोपित ने बयान बदलकर राजीनामा करने का दबाव बनाते हुए आतंकी हमले की धमकी दी। दरअसल, 2017 में पीड़िता ने आरोपित इस्माइल निवासी आजाद नगर के खिलाफ बलात्कार का प्रकरण दर्ज करवाया था। पीड़िता शिकायत लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी पहुंची। पीड़िता ने बताया कि आरोपित इस्माइल राजीनामे को लेकर मेरे ऊपर दबाव बना रहा है। उसने मुझसे कहा कि राजीनामा कर ले, मैं मुसलमान हूं, ज्यादा करेगी तो आतंकी हमला करवा दूंगा, इतनी ताकत रखता हूं मैं। आरोपित ने तेजाब फेंकने और जान से मारने की धमकी भी दी है।
पांच साल से कर रहा परेशान - पीड़िता ने बताया कि साल 2017 से आरोपित मुझे परेशान कर रहा है। घर पर अनजान लोगों को भेजता है। मैं बाहर भी निकलती हूं तो उसके साथी मेरा पीछा कर परेशान करते हैं। डीसीपी अमित तोलानी ने बताया कि शिकायत आई है कि राजीनामे के लिए दबाव बनाया जा रहा है। जिनके खिलाफ आरोप लगाए हैं, उनसे पूछताछ की जाएगी। वहीं आतंकी हमले वाली बात को दिखवाता हूं।