नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर: मप्र हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की चुनाव याचिका पर निर्वाचन आयोग और राजगढ़ के भाजपा सांसद रोडमल नागर सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब-तलब कर लिया है। इसके लिए आगामी सुनवाई तिथि 17 सितंबर को नियत की गई है। याचिका के जरिये ईवीएम-वीवीपेट पर सवाल खड़ा किया गया है।
याचिकाकर्ता दिग्विजय सिंह की ओर से पैरवी करने वाले सीनियर एडवोकेट रवींद्र सिंह छाबड़ा ने बताया कि याचिका में हमने दोबारा चुनाव कराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वीवीपीएट का मिलान किया जाना चाहिए, लेकिन निर्वाचन अधिकारी ने ऐसा नहीं किया। जनता जिसे वोट दे रही है, उसे ही मत जाना चाहिए।
मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने राजगढ़ सीट पर लोकसभा सदस्य का निर्वाचन निरस्त करने की मांग करते हुए मप्र हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होंने ईवीएम पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि निर्वाचन में वोटर वेरिफिएबल पेपर आडिट ट्रेल (वीवीपीएट) का सत्यापन नहीं किया गया था।
इस तरह जिला निर्वाचन अधिकारी ने भारत निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश के अनुसार काम नहीं किया है। मतदान के बाद वीवीपीएट को संरक्षित भी नहीं किया गया। बुधवार को हाई कोर्ट ने दिग्विजय सिंह की ओर से प्रस्तुत आरंभिक तर्क सुनने के बाद निर्वाचन आयोग और राजगढ़ के सांसद रोडमल नागर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी। राजगढ़ लोकसभा सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भाजपा के प्रत्याशी रोडमल नागर से पराजित हो गए थे।