MGM College Indore: साढ़े चार साल का कोर्स छह साल में हुआ पूरा, विद्यार्थी कर रहे डिग्री, मार्कशीट व माइग्रेशन का इंतजार
फिजियोथेरेपी कोर्स करने वाले विद्यार्थी डिग्री, मार्कशीट व माइग्रेशन प्रमाण पत्र समय पर नहीं मिलने के कारण परेशान हो रहे हैं।
By gajendra.nagar
Edited By: gajendra.nagar
Publish Date: Thu, 19 Aug 2021 02:55:15 PM (IST)
Updated Date: Thu, 19 Aug 2021 02:55:15 PM (IST)
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि, MGM College Indore। एमजीएम मेडिकल कालेज के अंतर्गत संचालित एमजीएम अलाइड हेल्थ साइंसेस इंस्टीट्यूट में फिजियोथेरेपी कोर्स करने वाले विद्यार्थी डिग्री, मार्कशीट व माइग्रेशन प्रमाण पत्र समय पर नहीं मिलने के कारण परेशान हो रहे हैं।
विद्यार्थियों का कहना है कि फिजियोथेरेपी का बीपीटी का साढ़े चार साल का कोर्स छह साल में पूरा हुआ। इसके बाद भी कई विद्यार्थियों को न डिग्री मिली और न ही माइग्रेशन प्रमाण पत्र अभी तक मिला है। इतना ही नहीं विद्यार्थियों को अभी तक ओरिजनल मार्कशीट भी नहीं मिली। फिजियोथेरेपी के बीपीटी कोर्स के 39 विद्यार्थी अब भी रिजल्ट का इंतजार कर रहे हैं। इसके अलावा विद्यार्थियों का कहना है कि इंस्टीट्यूट इंडियन एसोसिएशन आफ फिजियोथेरेपी से भी रजिस्टर्ड नहीं है। ऐसे में विद्यार्थियों को इस एसोसिएशन से रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ज्यादा फीस देना पड़ती है। विद्यार्थियों का कहना है कि उन्होंने कोविड के दौरान मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों मेंअपनी सेवाएं दीं लेकिन अभी तक उन्हें कोविड में किए गए कार्यों को लेकर स्टायपंड भी नहीं मिला है।
कालेज प्रबंधन बोला यूनिवर्सिटी के कारण बिगड़ा है परीक्षा व रिजल्ट का मुद्दा
एमजीएम अलाइड हेल्थ साइंसेस इंस्टीट्यूट के प्राचार्य रामहरि मीणा के मुताबिक नवंबर 2019 से ही जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी द्वारा परीक्षा व रिजल्ट के मुद्दों का ढर्रा बिगड़ा हुआ। इसके लिए संस्थान द्वारा रजिस्ट्रार व परीक्षा कंट्रोलर को 18 से 19 बिंदुओं पर शिकायत की जा चुकी है। वर्ष 2018 में डिप्लोमा व एमपीटी कोर्स में जिन विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया था उनकी परीक्षा भी अभी तक नहीं हुई। हमने इस मुद्दे पर हमने यूनिवर्सिटी के कुलपति, रजिस्ट्रार, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा को पत्र लिखा था। इसके अलावा संस्था चिकित्सा शिक्षा के आयुक्त से मिलकर संस्था के संचालक डा. डीके तनेजा ने मुलाकात कर यूनिवर्सिटी संबंधित समस्याओं से अवगत करवाया। किसी भी एसोसिएशन से जुड़ना व्यक्तिगत मु्द्दा है। एसोसिएशन की सदस्यता लेने के लिए विद्यार्थी बाध्य नहीं है। जिन विद्यार्थियों ने कोविड के दौरान अस्पतालों में काम किया। उन्हें स्टायपंड देने के लिए हमने शासन को पत्र लिखा है।