MP High Court: बेटमा सामूहिक दुष्कर्म कांड के आरोपितों को हाई कोर्ट से राहत नहीं, सजा बरकरार
MP High Court: हाई कोर्ट ने सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा।
By Hemraj Yadav
Edited By: Hemraj Yadav
Publish Date: Fri, 01 Mar 2024 08:33:23 PM (IST)
Updated Date: Fri, 01 Mar 2024 08:33:23 PM (IST)

MP High Court: नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। 12 वर्ष पूर्व हुए बेटमा सामूहिक दुष्कर्म कांड के 12 आरोपितों को हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली। कोर्ट ने सत्र न्यायालय द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखते हुए उनके द्वारा प्रस्तुत आपराधिक अपील को खारिज कर दिया।
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विचारण न्यायालय ने 15 जून 2013 को प्रकरण से जुड़े 14 आरोपितों को दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपितों ने इसे चुनौती देते हुए हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति हिरदेश की युगलपीठ ने 12 आरोपितों की सजा को यथावत रखा है, जबकि दो आरोपित दोषमुक्त कर दिए गए। शासन की ओर से अधिवक्ता केके तिवारी ने पैरवी की।
यह था मामला
बेटमा में दो बहनों के साथ 10 फरवरी 2012 को 16 लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। इनमें दो आरोपित नाबालिग थे। इनके खिलाफ बाल न्यायालय में मुकदमा चला। इस सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम देने वालों ने मोबाइल कैमरों की मदद से वारदात की वीडियो क्लिप भी बनाई थी। 18 फरवरी 2012 को पुलिस ने मामले में प्रकरण दर्ज किया था। सभी 14 आरोपितों को विचारण न्यायालय ने दोहरी उम्रकैद की सजा सुनाई थी। आरोपितों ने इसी फैसले को चुनौती देते हुए अपील दायर की थी।