Madhya Pradesh Cricket Team : कपीश दुबे, इंदौर (नईदुनिया)। एक टीम जो तमाम प्रयासों के बावजूद शीर्ष पर पहुंचने के लिए संघर्ष करती है, लेकिन सख्त अनुशासन और योजनाबद्ध तैयारी के कारण अचानक चैंपियन की तरह नजर आने लगती है। यह कहानी है मध्य प्रदेश क्रिकेट टीम की, जो सात साल बाद रणजी ट्राफी के सेमीफाइनल में पहुंची है। इस यात्रा में मप्र ने गुजरात, केरल और पंजाब जैसी मजबूत टीमों को हराया।
मप्र टीम 2015-16 के बाद से रणजी में क्वार्टर फाइनल तक भी नहीं पहुंची थी। कोच चंद्रकांत पंडित को महंगी कीमत पर टीम के साथ जोड़ा गया, लेकिन शुरुआत में परिणाम उम्मीदों के अनुरूप नहीं थे। पंडित की भी आलोचना हुई थी, लेकिन वे टीम गढ़ने में जुटे थे। टीम में कई खिलाड़ी ऐसे थे, जिनका बड़ा नाम था, लेकिन पंडित की योजना में वे फिट नहीं बैठते थे। कुछ को बाहर कर दिया गया और कुछ खुद बाहर हो गए। जो नए खिलाड़ी टीम में आए, उन्हें सख्त अनुशासन में रखा गया।
ऐसे होती है मप्र की तैयारी -
खुद भी करते हैं तैयारी - पंडित खुद भी हर विपक्षी टीम के वीडियो देखकर अपना होमवर्क करते हैं। इसके अनुसार अपनी टीम की योजना तैयार करते हैं। खिलाड़ियों को उनकी जिम्मेदारी समझा दी जाती है। सत्र दर सत्र की योजना बनाते हैं। विपक्षी बल्लेबाजों के खिलाफ फील्डिंग जमाने में पंडित माहिर हैं, जिससे जब गेंदबाज काम नहीं आते तो फील्डर विकेट निकाल लेते हैं।
अकादमी की मेहनत भी काम आई - बीसीसीआइ के पूर्व सचिव संजय जगदाले ने एक दशक पहले मप्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमपीसीए) में अकादमी बनाई थी। इसका कोच पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर अमय खुरासिया को बनाया था। खुरासिया को छिपी प्रतिभाओं को तराशने का काम सौंपा गया था। उस दौर में आवेश खान, रजत पाटीदार सहित वर्तमान दौर के खिलाड़ियों की तकनीक पर काम हुआ। तब के जूनियर क्रिकेटर अब टीम के काम आ रहे हैं।
जीत के बाद जश्न नहीं, अभ्यास शुरू - पंजाब के खिलाफ मप्र टीम की जीत के तुरंत बाद खिलाड़ी फिर मैदान में अभ्यास के लिए लौट आए थे। कोच पंडित ने कहा हमने जहां मैच खेला था, उसी विकेट पर अभ्यास किया। नेट्स के मुकाबले मुख्य विकेट पर अभ्यास बेहतर होता है। जीत से टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है, लेकिन अभी रास्ता लंबा है। सेमीफाइनल में हर टीम पर दबाव होता है। बंगाल भी अच्छी टीम है। मप्र को चैंपियन बनाना मेरा लक्ष्य है।
पंडित और मप्र का खास नाता - मप्र क्रिकेट संगठन (एमपीसीए) के सांख्यिकीविद महावीर आर्य ने बताया कि मुंबई के चंद्रकांत पंडित पांच में से तीन बार सेमीफाइनल में पहुंचने वाली मप्र टीम का हिस्सा रहे हैं। वर्ष 1996-97 और 1998-99 में चंद्रकांत पंडित टीम में बतौर कप्तान शामिल थे। इस बार वे बतौर कोच टीम से जुड़े हैं।
रणजी ट्राफी के सेमीफाइनल में मप्र -