Lok Sabha Chunav 2024: ऑपरेशन परेशन लोटस, गुटबाजी के लिए कुख्यात इंदौर भाजपा में दिखा जबरदस्त टीम वर्क
तय रणनीति के मुताबिक, विजयवर्गीय ने करीब एक सप्ताह पहले बम से एक होटल में मुलाकात की थी। बम बैठक में अकेले ही पहुंचे थे। बैठक में नाम वापसी को लेकर चर्चा हुई।
By Hemant Kumar Upadhyay
Edited By: Hemant Kumar Upadhyay
Publish Date: Tue, 30 Apr 2024 06:26:43 AM (IST)
Updated Date: Tue, 30 Apr 2024 04:13:48 PM (IST)
HighLights
- इंदौर में सूरत की तर्ज पर निर्विरोध निर्वाचन की थी कोशिश
- जिस दिन कांग्रेस ने अक्षय बम को इंदौर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया था
- उसी दिन उन्हें भाजपा में शामिल करने की रणनीति पर काम शुरू हो गया था।
नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। जिस दिन कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को इंदौर लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया था, उसी दिन उन्हें भाजपा में शामिल करने की रणनीति पर काम शुरू हो गया था। अभियान को ‘आपरेशन लोटस’ नाम दिया गया। फिल्म के मुख्य किरदार बने कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक रमेश मेंदोला। गुटबाजी के लिए कुख्यात इंदौर भाजपा में ‘आपरेशन लोटस’ में जबर्दस्त टीम वर्क दिखा। बड़े किरदारों ने इसे पार्टी की प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया था। दरअसल, योजना सूरत की तर्ज पर इंदौर में भी निर्विरोध निर्वाचन की थी। कैबिनेट मंत्री विजयवर्गीय को इसके लिए दिल्ली और भोपाल से हरी झंडी भी मिल गई थी, लेकिन अंतिम समय में कुछ निर्दलीय प्रत्याशियों के नामांकन वापस नहीं लेने से ऐसा नहीं हो सका।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 29, 2024
सप्ताहभर पहले होटल में हुई थी बैठक
तय रणनीति के मुताबिक, विजयवर्गीय ने करीब एक सप्ताह पहले बम से एक होटल में मुलाकात की थी। बम बैठक में अकेले ही पहुंचे थे। बैठक में नाम वापसी को लेकर चर्चा हुई। विजयवर्गीय ने बम को समझाया कि कांग्रेस में उनका कोई भविष्य नहीं है। इस मुलाकात में ही तय हो गया था कि नाम वापसी के अंतिम दिन यानी 29 अप्रैल को बम नामांकन वापस ले लेंगे। बैठक में बम ने आशंका जताई थी कि नाम वापसी की स्थिति में उन पर हमला हो सकता है। इसके बाद विजयवर्गीय ने विधायक रमेश मेंदोला को जिम्मेदारी सौंपी। मेंदोला ने वार्ड 24 से पार्षद जितेंद्र यादव जीतू को 29 अप्रैल को बम के आसपास बने रहने के निर्देश दिए। इस मुलाकात के बाद विजयवर्गीय ने उनके पिता कांतिलाल से भी मुलाकात की थी। इसके बाद बम की भाजपा में शामिल होने की राह साफ हो गई।
पहले निर्दलीयों को साधने का था प्रयास
बम से बात करने से पहले पार्टी का प्रयास निर्दलीय प्रत्याशियों को साधने का था, लेकिन ऐसा करने पर आशंका थी कि कांग्रेस इससे सतर्क हो जाएगी और बम को भाजपा में शामिल करने की योजना पर पानी फिर सकता है। इसके बाद तय हुआ कि बम के नामांकन फार्म वापस लेने के बाद ही निर्दलीय प्रत्याशियों से चर्चा की जाएगी। निर्दलीय प्रत्याशियों से चर्चा की जिम्मेदारी सोमवार सुबह ही तीन नेताओं को सौंपी गई। सुबह 11 बजे से इन नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशियों से संपर्क करना शुरू किया।
सामान्य दिनों की तरह चुनाव प्रचार करते रहे बम
रणनीति के तहत यह भी तय हुआ था कि बम सामान्य दिनों की तरह प्रचार में लगे रहेंगे। वह कार्यकर्ताओं से मुलाकात भी करेंगे और प्रचार पर भी निकलेंगे ताकि किसी को इस बात का अहसास न हो कि वह भाजपा में जाने की तैयारी कर रहे हैं। सोमवार सुबह बम तिरंगा दुपट्टा पहने चोथइराम मंडी जनसंपर्क करने पहुंचे। यहां के फोटो उन्होंने अपने फेसबुक अकाउंट पर अपलोड किए। इसके बाद वह अकेले पलासिया में मंत्री विजयवर्गीय के तीन नंबर बंगले पर पहुंचे। विजयवर्गीय यहां पहले से उनका इंतजार कर रहे थे।
यहां नाश्ते के बाद विधायक मेंदोला के साथ बम को कलेक्टर कार्यालय भेजा गया। इसके लिए एमआइसी सदस्य जीतू यादव का वाहन इस्तेमाल में लाया गया। नाम वापसी के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ता और नेता कोई विवाद न करें, इसके लिए एक टीम कलेक्टर कार्यालय के बाहर भी तैनात की गई थी, जबकि दूसरी टीम आसपास के क्षेत्रों में थी। नाम वापसी के बाद मेंदोला उन्हें वाहन में लेकर जूनी इंदौर पहुंचे। इसके बाद बम विजयवर्गीय की गाड़ी में सवार हुए और भाजपा कार्यालय पहुंचे। यहां उनके साथ करीब दो घंटे तक भाजपा नेता चर्चा करते रहे। पहले तय हुआ था कि बम को भोपाल ले जाकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कराई जाए, फिर इंदौर में ही आयोजन करने पर सहमति बनी।