Smart City Project Indore: एक साल से लालबाग के स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट की चींटी चाल, न बाउंड्रीवॉल बनी, न सड़क
Smart City Project Indore: पैलेस के सामने भी खोदकर पटक दिया, पर्यटकों की परेशानी भी भूले।
By Sameer Deshpande
Edited By: Sameer Deshpande
Publish Date: Thu, 28 Jan 2021 06:55:00 AM (IST)
Updated Date: Thu, 28 Jan 2021 07:29:17 AM (IST)
इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि Smart City Project Indore। शहर के ऐतिहासिक लालबाग पैलेस और परिसर का दुर्भाग्य पीछा नहीं छोड़ रहा है। सालों से इसके जीर्णोद्धार की बातें चल रही हैं। बड़ी मुश्किल से इसके जीर्णोद्धार को सरकार ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल किया, लेकिन अब इसका काम भी पूरा करने में दम फूल रहा है। एक साल से अधिक समय से यहां का काम चल रहा है, लेकिन अब तक न तो यहां की टूटी बाउंड्रीवॉल बन पाई और न ही सड़क। परिसर के सौंदर्यीकरण की बात तो अभी दूर है।
पुरातत्व और पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण इस स्थल पर हर साल कई पर्यटक आते हैं। शहर के पश्चिमी क्षेत्र में केशरबाग रोड पर स्थित यह धरोहर वास्तुशिल्प का अद्भुत नमूना है। पैलेस के आस-पास लगे सीमेंट के पैवर भी खोदकर पटक दिए हैं। इसकी जगह डामर की सड़क बनेगी, लेकिन अधिकारी और इंजीनियर खोदाई करके पर्यटकों की परेशानी भी भूल गए हैं। दरअसल, पैलेस के अंदर का काम विश्व धरोहर निधि (डब्ल्यूएमएफ) द्वारा किया जा रहा है, लेकिन बाहर का काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में लिया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत परिसर की टूटी बाउंड्रीवॉल की मरम्मत से लेकर परिसर के अंदर और पैलेस के आस-पास की सड़क का निर्माण शामिल है। साथ ही सौंदर्यीकरण के लिए लैंड स्केपिंग और प्लांटेशन का काम भी इसी प्रोजेक्ट में लिया गया है। यह काम मुंबई की कंपनी एनएस जॉब इंफ्रा को सौंपा गया है।
आर्थिक तंगी से 15 करोड़ का काम, 1.60 करोड़ पर आया
लालबाग परिसर के जीर्णोद्धार के लिए स्मार्ट सिटी में पहले 15 करोड़ की योजना बनाई गई थी। इसमें बाहरी सुंदरीकरण और नवीनीकरण का कार्य किया जाना था। इसमें परिसर के अंदर का बगीचा बनाना, फव्वारे लगाना, क्षतिग्रस्त बाउंड्रीवॉल और सड़क का निर्माण, पैलेस के सामने की सड़क, पानी की लाइन, ड्रेनेज लाइन की मरम्मत करना आदि काम शामिल थे। बाद में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में धन की कमी आने से अधिकारियों ने हाथ खींच लिए। आर्थिक तंगी के कारण 15 करोड़ रुपये की योजना सिर्फ 1.60 करोड़ रुपये पर आ गई। इसके साथ ही कई काम भी योजना से हटा दिए गए।
धन की कमी के कारण हो रही देरी
लालबाग पैलेस और परिसर के जीर्णोद्धार और विकास के लिए करीब 16 करोड़ रुपये का खर्च होना था। वर्तमान परिस्थितियों में नगर निगम अपने बूते पर इतना खर्च नहीं कर सकता। इस कारण केवल बाहरी परिसर को सुधारने का काम किया जा रहा है। चहारदीवारी की डिजाइन बदली जा रही है और उसे लालबाग पैलेस से मिलान करते हुए बनाया जाएगा। इस काम में समय तो लगेगा। फिर भी उम्मीद है कि जून-जुलाई तक काम पूरा हो जाएगा।
- प्रतिभा पाल, आयुक्त, नगर निगम