इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि), Recruitment in Infosys Indore। रियायती दामों पर सुपर कारिडोर पर जमीन लेने वाली आइटी कंपनियों पर सरकार का दबाव अब काम कर रहा है। मध्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार न देने और तय समय में कैंपस का निर्माण न करने पर प्रशासन ने आइटी कंपनी टीसीएस और इंफोसिस को नोटिस थमाया था। इसके बाद अब इंफोसिस ने आनन-फानन में भर्तियां निकली हैं। युवाओं को रोजगार देने की दृष्टि से कैंपस प्लेसमेंट रखा गया है। 22 अगस्त तक बीई-बीटेक, एमई-एमटेक पास कर चुके विद्यार्थियों से आवेदन मांगे हैं। करीब आठ साल पहले सुपर कारिडोर पर आइडीए ने आइटी विभाग को जमीन दी थी। 130 एकड़ जमीन विभाग ने इंफोसिस को इंदौर कैंपस बनाने के लिए आवंटित की थी। उस दौरान महज 26 करोड़ रुपये में जमीन कंपनी को मिली थी। लीज शर्तों के मुताबिक कंपनी को 90 फीसद हिस्से में बिल्डिंग-आवास बनाना था। मध्य प्रदेश के युवाओं को रोजगार देना था।
इंफोसिस ने सिर्फ 11 एकड़ जमीन का इस्तेमाल किया है। 600 लोगों को नौकरी देना बताया है। नियमानुसार 2017-27 के बीच दस हजार नौकरियां देनी हैं। बीते दिनों कलेक्टर मनीष सिंह के निर्देश पर अफसरों की एक टीम ने कंपनी का निरीक्षण किया। जहां लीज शर्तों का उल्लंघन करना पाया गया। सूत्रों के मुताबिक रोजगार देने का आंकड़ा जरूर बताया है, लेकिन कंपनी ये बताने में नाकाम रही कि मध्य प्रदेश के कितने युवाओं को नौकरियां दी है। यहां तक 11 एकड़ में सिर्फ मुख्य भवन बनाया है। इसके बाद कलेक्टर ने नोटिस देकर तीन दिन में जवाब मांगा था। इसे देखते हुए इंफोसिस ने युवाओं को नौकरियां देना तय किया है। एमपीएसईडीसी के महाप्रबंधक द्वारकेश सराफ ने बताया कि इंजीनियरिंग विद्यार्थी कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा ले सकते हैं। 22 अगस्त को भर्ती प्रक्रिया रखी गई है।
इंफोसिस और टीसीएस के कैंपस जाकर अधिकारियों से चर्चा सार्थक रहा। हमने रोजगार को लेकर दबाव बनाया। अब हम कंपनियों की जरूरत के हिसाब से इंजीनियर तैयार करने के लिए प्रदेश के प्रमुख शिक्षण संस्थानों के साथ इस माह के अंत तक कांफ्रेंस करने जा रहे हैं। -ओमप्रकाश सखलेचा, मंत्री, एमएसएमई और सूचना प्रौद्योगिकी