Indore News: इंदौर (नईदुनिया प्रतिनिधि)। निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकार अब शासकीय विद्यालयों की पांचवीं कक्षा को हाईटेक बना रही है। इसके लिए शिक्षकों को टैबलेट खरीदने के लिए बोला है। 28 फरवरी तक शिक्षकों को आवेदन करना है। राज्य शिक्षा केंद्र के इस आदेश का शिक्षक भारी विरोध करने में लगे हैं। कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के कहना है कि शिक्षकों को स्वयं के पैसों से टैबलेट खरीदने को लेकर निर्देश दिए गए हैं। दस हजार तक की राशि सरकार देगी। वहीं, इतनी राशि में किसी भी कंपनी का टैबलेट नहीं आता है। मामले में संगठन ने राशि बढ़ाने की मांग की है। अब तक 60 फीसद शिक्षकों ने ही टैबलेट के लिए आवेदन किया है।
सरकार ने अगामी सत्र में टैबलेट पर आनलाइन कंटेंट उपलब्ध करवाने की सुविधा दी है। इसके माध्यम से कक्षाओं में शिक्षकों को पढ़ाना है। सरकार ने शिक्षकों को 28 फरवरी तक टैबलेट के लिए आवेदन करने पर जोर दिया है। मध्य प्रदेश शासकीय शिक्षक संगठन के संरक्षक हरीश बोयत, प्रांतीय महामंत्री अशोक मालवीय, जिला अध्यक्ष प्रवीण यादव ने कहा कि विद्यायकों को बजट पढ़ने और सुनने के लिए निश्शुल्क टैबलेट दिए गए हैं। 60 लाख रुपये के टैबलेट बांटे गए हैं। वहीं, शिक्षकों को रोजाना टैबलेट पर उपलब्ध आनलाइन कंटेंट के माध्यम से पढ़ाना है। बावजूद इसके टैबलेट खरीदने के लिए महज 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं। बाजार में कम से कम 15 हजार रुपये का अच्छा टैबलेट मिलता है।
संगठन के प्रतिनिधियों का कहना है कि टैबलेट को चार साल रखना अनिवार्य है। पर कई शिक्षकों का प्रमोशन होना है, जो प्राथमिक से माध्यमिक कक्षा के शिक्षक बन जाएंगे। इस लिहाज से टैबलेट उनके लिए उपयोगी नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार जिस मूल उद्देश्य से शिक्षकों को टेबलेट शाला में अध्ययनरत बच्चों की गुणवत्ता के विकास के लिए देना चाहती है तो अच्छे टेबलेट दिए जाए। संगठन और शिक्षक ने मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन भी जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा।