नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। नगर निगम नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने आरोप लगाया है कि नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से विधायक निधि के तहत मंजूर किए गए काम में बगैर काम किए ही 13 लाख रुपये का भुगतान निर्माण एजेंसी को कर दिया गया।
चौकसे ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र दो से विधायक रमेश मेंदोला ने वार्ड 20 में खातीपुरा चौराहा के पास राम मंदिर के समीप सामुदायिक भवन के निर्माण के लिए विधायक निधि से 10 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की थी। यह काम नगर निगम को सौंपा गया था। निगम ने इस काम के लिए निविदा जारी की और एसके कंस्ट्रक्शन कंपनी को यह काम भी दे दिया।
कंपनी ने ठेका लेने के बाद आज तक साइ़ड पर कोई काम नहीं किया, लेकिन नगर निगम के अधिकारियों ने फाइल में इस काम को शुरू होना और पूर्ण होना बताकर कंपनी को 13 लाख रुपये का भुगतान कर दिया। इस तरह से निगम के अधिकारियों ने विधायक निधि के तहत मंजूर काम में बगैर काम के ही भुगतान किया है। सामुदायिक भवन सिर्फ कागज पर है, जबकि कोई निर्माण हुआ ही नहीं।
चौकसे ने कहा कि यह विधायक की जिम्मेदारी थी कि वे जांच करते कि विधायक निधि से मंजूर काम सही तरीके से हो रहा है या नहीं। काम से असंतुष्ट होने पर उन्हें निगमायुक्त से शिकायत करनी थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। चौकसे ने कहा कि हम इस मामले में निगमायुक्त को शिकायत करेंगे।
इधर नगर निगम के जनकार्य समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर ने आरोपों को नकारते हुए कहा कि बगैर निर्माण भुगतान की बात झूठी है। खाती समाज के सामुदायिक भवन का इस्टीमेट बना, कलेक्टर से अनुमति ली गई, निर्माण हुआ और इसके बाद भुगतान किया गया। जिस कंपनी ने निर्माण किया है वह भिंड की है। काम के दौरान लिए गए फोटोग्राफ भी फाइल में लगे हैं। निर्माण पूरा होने के बाद खाती समाज ने धन्यवाद पत्र भी दिया है। सामुदायिक भवन में विवाह समारोह आयोजित हो रहे हैं। आरोप झूठे हैं।