नईदुनिया प्रतिनिधि, इंदौर। शहर के पास एक मंदिर में बीती रात डकैती हो गई। घटना बाणगंगा थाने की सीमा के ग्राम अलवासा की है। रात डेढ़ बजे बदमाशों ने मंदिर के महंत, पुजारी व सेवादार को बंधकर बना लिया। इसके बाद वे दानपेटी से मंदिर निर्माण की धन राशि, देवी माता की प्रतिमा पर चढ़ाया गया सोने का मंगलसूत्र , सोने का पैंडल लूट ले गए।
बताया जाता है कि ये बदमाश करीब 8 से 10 की संख्या में थे। पुजारी रामकिशन ने पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वे अपने सेवक महेश दास के साथ वैष्णोधाम मंदिर के बरामदे में सो रहे थे।
कमरे में महंत कमलदास सो रहे थे। रात डेढ़ बजे हथियार धारी बदमाश मंदिर में घुस आए। एक ने सिर पर डंडे से वार किया। इससे वो बेहोश हो गए।
बदमाशों ने नींद में ही डंडा मारकर सिर फोड़ दिया। चाकू से गला काटने की धमकी दी और चुप कर दिया। तौलिए और चादर से हाथ-पैर बांधे और कंबल से मुंह ढंक दिया। उनके पास सो रहे संत महेश दास को भी पैर में लट्ठ मारकर उठाया और हाथ पैर बांध कर एक कंबल से ढंक दिया।
बदमाश मुख्य महंत कमलदास महाराज के कमरें में घुसे और जाते ही सिर में डंडा मारा। उन्हें भी धमकाया और हाथ-पैर बांध कर पटक दिया। इसके बाद आरोपितों ने उनके वस्त्र,बैग और बिस्तर की तलाशी लेकर 80 हजार रुपये कैश और सोने का लॉकेट निकाल लिया।
कमलदास के मुताबिक आरोपितों ने आते ही कहा कि हमारी गाड़ी बाहर खड़ी हुई है। सूचना मिली है कि यहां स्मैक है। सामान चेक करना है। चुप रहो वरना मार देंगे। आरोपितों ने पुलिसकर्मी तो नहीं बताया लेकिन पूछताछ पुलिस की तरह ही कर रहे थे। आश्रम में महादेव मंदिर निर्माण का कार्य चल रहा है। 80 हजार रुपये मंदिर के लिए जमा कर रखे थे।
बदमाश नकाबपोश थे।सभी ने बरमूडा पहन रखा था।आते ही हमला किया और बंधक बना लिया। मुझे भी सेवादार का सिर फोड़ दिया। मुझे भी डंडा मारा लेकिन दीवार के कारण बच गया। मैं घबरा गया था। हाथ जोड़ कर कहा मुझे छोड़ दो। मैं दिव्यांग हूं। मारपीट मत करों। जो चाहिए वो ले लो।
चार बदमाश अंदर और दो बाहर खड़े थे।रुपये और लाकेट लूटने के बाद तीनों को एक ही कमरे में बंद कर दिया। मुझसे कहा कि शौर मत करना हम बाहर ही है। आधे घंटे बाद वापस आएंगे।
बदमाशों के जाने के बाद सेवादार ने दरवाजा खोला तो बदमाशों ने ललकारा।वह बाहर भी तलाशी ले रहे थे। कुछ देर बाद दरवाजा तोड़कर बाहर निकले और मुरादपुरा से गुलाबसिंह को घटना बताई।गुलाब से मोबाइल डायल-100 को काल कर पुलिस को सूचना दी।
(जैसा महंत कमलदास महाराज ने बताया)
बदमाशों ने महंत कमलदास,सेवादार पं.रामकृष्ण और पुजारी महेश के मोबाइल तोड़ दिए। पुलिस को शक है घटना में स्थानीय बदमाश भी शामिल हो सकते है। पुलिस को गुमराह करने के लिए बरमूडा पहन कर आए थे। आश्रम से रुपये,लाकेट लूटा लेकिन चांदी के छत्र छोड़ दिए। महंत का नाम भी बदमाश ले रहे थे। एक बदमाश ने यह भी कहा था कि रामू इसको(महंत) को मत मार यह दिव्यांग है। इससे पुलिस स्थानीय बदमाशों पर नजर रख रही है। आश्रम के पास खेत में सीसीटीवी कैमरे लगे है। बदमाश कैमरों से बचते हुए खेत में भागे हैं।
पुलिस ने सामान्य चोरी की धारा में केस दर्ज किया है। बदमाशों के हमले में महंत,सेवादार और पुजारी घायल हुए है। तीनों का मेडिकल परीक्षण भी हुआ है। पुलिस ने इस घटना को छुपाने का प्रयास किया। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त(कानून)अमितसिंह को घटना के संबंध में नहीं बताया गया। पुलिस नियंत्रण कक्ष में भी डीएसआर में रिपोर्ट का उल्लेख नहीं किया गया है।
आवाज सुनकर कमल दास बाहर आए तो बदमाशों ने उनसे भी मारपीट की। फिर महंत, सेवक को बांध दिया। शोर करने पर जान से मारने की धमकी दी।
इसके बाद मंदिर में रखी नगदी, आभूषण व दानपेटी उठाकर भाग गए। कुछ देर बाद सभी ने एक दूसरे की मदद से हाथ पैर खोले। ग्रामीणों को बुलाया। घटना की जानकारी दी। सभी ने बाणगंगा थाने जाकर रिपोर्ट दर्ज कराई।